कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यसभा से नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने को भारत के संवैधानिक इतिहास का ‘काला दिन’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि यह उस भारत की सोच को चुनौती है जिसके लिए राष्ट्र निर्माता लड़े थे।
सोनिया ने एक बयान में कहा, ”आज भारत के संवैधानिक इतिहास में काला दिन है। नागरिकता संशोधन विधेयक का पारित होना तुच्छ सोच वाली और कट्टर ताकतों की भारत के बहुलवाद पर जीत है।”
उन्होंने कहा, ”यह विधेयक उस आइडिया ऑफ इंडिया को बुनियादी तौर पर चुनौती है जिसके लिए हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने लड़ाई लड़ी। अब इसकी जगह अशांत, विकृत और विभाजित भारत बनेगा जहां धर्म राष्ट्रीयता की पहचान होगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे के खिलाफ कांग्रेस अपना संघर्ष जारी रखने को प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान की। लोकसभा ने सोमवार रात इस विधेयक को मंजूरी दी थी।
इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।
इससे पहले नागरिकता संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा था, ‘कोई मुसलमान आपसे नहीं डरता है, हम डरते हैं तो सिर्फ संविधान से।’
कपिल सिब्बल ने कहा था कि बिल पेश करते समय एक बात कही गई थी जिस पर मुझे सख्त आपत्ति है। आपने कहा था कि देश के मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है। मुझे इसपर आपत्ति है।’
सिब्बल ने कहा, ‘कोई मुसलमान आपसे नहीं डरता है। मैं इस देश का नागरिक हूं, आप से नहीं डरता हूं। मैं डरता हूं तो सिर्फ संविधान से। देश का मुसलमान डरता है तो सिर्फ संविधान से।
कपिल सिब्बल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें पता है आपका लक्ष्य क्या है। ये मैं 2014 से जान रहा हूं। अनुच्छेद 370 का हटाया जाना, तीन तलाक, सीबीसी, एनआरसी और फिर एनआरसी… सब पता है। आप चाहते हैं लोगों को उसके नाम से पहचानना।’