लखनऊ: असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) का एक और ड्राफ्ट रिलीज किया गया था। इस नए ड्राफ्ट में राज्य के 40 लाख लोगों का नाम नहीं हैं जिसके बाद इनकी नागरिकता को लेकर बहस छिड़ गई है। नागरिकता के इस मामले पर सोमवार से ही बहस छिड़ी हुई है और विपक्षी दलों ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए वोटों की राजनीति करने का आरोप लगाया है। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी असम एनआरसी के मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरा है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि असम में 40 लाख अल्पसंख्यकों की नागरिकता छीनी गई है। अगर ये लोग काफी समय से असम में रह रहे हैं और अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कागजात नहीं दे सके तो क्या आप उन्हें देश से बाहर कर देंगे। असम एनआरसी के मामले पर विपक्ष ने एक स्वर में बीजेपी सरकार के खिलाफ हमला बोला है। मंगलवार को सदन की कार्यवाही के दौरान भी जमकर हंगामा हुआ और विपक्ष ने बीजेपी सरकार को घेरा।
मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नागरिकता के मामले पर जोरदार हंगामा हुआ। टीएमसी ने बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की जबकि सपा, आप के सांसदों ने भी विरोध जताया। वहीं, कांग्रेस ने भी राज्यसभा में इस मुद्दे पर भाजपा को घेरा। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये धर्म और जाति का मामला नहीं है बल्कि मानवाधिकार का मामला है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 40 लाख बहुत बड़ी संख्या होती है, सरकार कानूनी मदद दिलाए, नागरिकता साबित करे। कांग्रेस सांसद ने कहा कि वोट के लिए राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी को लेकर किये गए फैसला का असर दूरगामी होगा।