खरगोन – नर्मदा आन्दोलन की प्रमुख चित्तरूपा पालित की गिरफ्तारी के छठे दिन आज उन्हें रिहा कर दिया गया. उन्हें सभी तीन प्रकरणों में जमानत दे दी गयी. 20 अगस्त को धारा 151 के तहत लगाये प्रकरण में संशोधित आदेश पारित किया गया एवं रूपये 50 हजार की सोलवेंसी के स्थान पर 20 हजार के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया. अन्य दो प्रकरणों में भी जमानत दे दी गयी. एक अन्य कार्यकर्ता अजय गोस्वामी को भी निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया.
दूसरी ओर अपर वेदा बांध के डूब क्षेत्र के ग्राम उदयपुर में जारी जल सत्याग्रह के पांचवें दिन अनेक शारीरिक कष्टों के बावजूद आदिवासी प्रभावितों का सत्याग्रह जोर शोर से जारी रहा. सत्याग्रह स्थल पर बड़ी संख्या में महेश्वर बांध प्रभावितों ने पहुंचकर संघर्षशील सत्याग्रहियों का समर्थन किया. सत्याग्रह स्थल पर चिकित्सकों के दल ने पहुंचकर सत्याग्रहियों के स्वास्थ्य की जाँच की.
वेदा बांध स्थल पर स्तिथ गेस्ट हाउस में शिकायत निवारण प्राधिकरण(जी आर ए) ने ग्राम उदयपुर, खारवा, सोनुद और खोई गावों के विस्थापितों की सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और पुनर्वास निति के अनुसार जमीन दिए जाने की अर्जी पर सुनवाई की. सर्वोच्च न्यायालय का 13 मई 2009 का आदेश स्पष्ट कहता है कि जब तक शिकायत निवारण प्राधिकरण(जी आर ए) की प्रकिया पूरी होने के बाद विस्थापितों को पुनर्वास के हक्क प्राप्त नहीं होते हैं तब तक बांध में पानी नहीं भरा जा सकता है. अपर वेदा बांध में इस आदेश का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए एक तरफ शिकायत निवारण प्राधिकरण(जी आर ए) की सुनवाई हो रही तो दूसरी तरफ डूब बढाई जा रही है.
आम आदमी पार्टी ग्वालियर ने ग्वालियर में संभाग आयुक्त के कार्यालय पर प्रदर्शन कर मांग की कि चित्तरूपा पालित को तत्काल रिहा किया जाये और बांध में पानी कम करके पहले प्रभावितों का पुनर्वास किया जाये और इसके बाद ही बांध में पानी भरा जाये.