नई दिल्ली : सीजेआई रंजन गोगोई ने सीबीआई को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज एसएन शुक्ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का अनुमति दे दी है। मेडिकल दाखिला घोटाले में शामिल होने के प्रमाण मिलने के बाद सीजेआई ने सीबीआई को केस दर्ज करने की अनुमति दे दी है। इसके पहले, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा था।
पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा ने शिकायत के बाद तीन जजों की कमेटी का गठन किया था जिसने जांच में जस्टिस एसएन शुक्ला की भूमिका मानी थी, इसके बाद जस्टिस शुक्ला से न्यायिक कार्य वापस ले लिया गया था। तत्कालीन सीजेआई मिश्रा ने उनको स्वैच्छिक इस्तीफा देने या स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने को कहा था लेकिन जस्टिस शुक्ला ने इससे इनकार कर दिया था। बाद में जस्टिस शुक्ला ने न्यायिक कार्य वापस देने की सीजेआई से गुजारिश की थी, जिसे सीजेआई ने ठुकरा दिया था।
वर्तमान जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई से अनुमति मांगी थी। सीबीआई ने प्रसाद इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में मेडिकल एडमिशन घोटाले को लेकर उड़ीसा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज आईएम कुद्दूसी, ट्रस्ट के मालिक बीपी यादव, पलाश यादव और बिचौलिए विश्वनाथ अग्रवाल, भावना पांडेय समेत सरकारी व निजी संस्थानों से जुड़े लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
साल 2017 में यूपी के एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने जस्टिस शुक्ला पर अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। उस समय के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने मद्रास हाईकोर्ट की तत्कालीन चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी, सिक्किम के चीफ जस्टिस एसके अग्निहोत्री और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस पीके जायसवाल का पैनल गठित किया गया था। इस पैनल ने जस्टिस शुक्ला को इस मामले में मेडिकल कॉलेजों की कथित तौर पर तरफदारी करने का जिम्मेदार ठहराया था।