खंडवा : लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी पार्टियां अब जमीन तलाशने लगी हैं। आतंकी हमलें के बाद जहां राजनैतिक डाल अब श्रेय लेने की होड़ में लगे है वहीं प्रदेश में दोनों ही मुख्य दल किसानो को रिझाने में अपना दमखम लगाने लगे हैं। आज प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनथ ने किसान कर्ज माफ़ी योजना के प्रमाण पत्र बाटते हुए कहा की कर्ज माफ़ी से किसानों का भला नहीं होगा इस लिए कृषि के लिए नई नीती बनाई जायगी। उन्होंने पीएम मोदी के 15 लाख और किसानों के खाते में हर साल 6 हजार डालने पर भी निशाना साधा। कमलनाथ ने चुटकी लेते हुआ कहा आप 15 लाख दे दे दीजिये किसानों को हम 6 हजार दे देंगे। कमलनाथ ने गंगा सफाई पर भी तंज कसते हुए कहा कि जो गंगा साफ करने का बोलते थे उन्होंने बैंक ही साफ कर दिए।
प्रदेश की जनता को 15 लाख का इंतजार
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कमलनाथ को पत्र लिख कर किसानों की लिस्ट मांग कर सियासी दाव क्या खेला आज खंडवा में जय किसान कर्ज माफ़ी योजना के प्रमाण पत्र किसानों को बाटने के दौरान कमलनाथ ने उस पत्र पर पलटवार कर दिया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पलटवार करते हुए कहा की अच्छे दिन सिर्फ भजपा के लोगो के आये है अब एक और कलाकारी प्रदेश की जनता 15 लाख का इंतजार कर रही है किसानो को 6 हजार किसानों को देना किसानों का अपमान है, मोदी जी आप 15 लाख सबके खाते में डाल दो हमारी सरकार किसानो को कर्जमाफी के बाद 6 हजार सालाना भी दे देगी
तंज : देश के बैंको को ही साफ कर गए
कमलनाथ ने सिर्फ शिवराज को ही नहीं घेरा उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर भी जमकर निशाना साधा। कमलनाथ ने कहा की वो गंगा की सफाई का वादा कर के बनारस आए थे पर इनकी नियत ठीक नहीं हैं इन्होने गंगा की जगह देश के बैंको को ही साफ कर दिया।
बनेगी नई कृषि नीति
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नई कृषि निति बनाने की बात करते हुए कहा कि किसान का जन्म और मृत्य कर्जे में होती हैं। यही बड़ी चुनौतो है हमने कर्जा तो माफ़ कर दिया। चार दिनों में 25 लाख और उसके बाद 50 लाख किसानो का कर्जा माफ़ हो जायगा। पर इससे हमारे किशनों को रहत नहीं मिलने वाली। आज हमारी सिचाई योजना से किसानों का उत्पादन बढ़ता हैं। अब बढ़ते हुए उत्पादन की चुनौती हैं कैसे किसानो को उनके उत्पादन का सही लाभ मिल सके। जब तक सही और उचित मूल्य किसानों को नहीं मिलेगा तब तक किसनो को बढ़ते हुए उत्पादन का लाभ नहीं मिलेगा। इस लिए हमें नए नजरिये से कृषि नीति बना होगी।
गौरतलब है की आगामी लोकसभा चुनाव के चलते राज्य की कांग्रेस और केंद्र की भाजपा सरकार किसानो को लेकर आमने – सामने है अब देखना होगा की लोकसभा चुनाव में किसानो का वोट बैंक किसकी झोली में जाता है।
रिपोर्ट @निशात सिद्दीकी