पटना – चुनाव से पहले और प्रचार के दौरान किया अपना वादा निभाते हुए बिहार के मुख्यमंत्री ने प्रदेश में शराबबंदी का ऐलान कर दिया है। नीतीश ने गुरुवार को बताया कि आगामी वर्ष में 1 अप्रैल से प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू हो जाएगी।
राज्य में शराब पर बैन लगाने की इस मुहिम का अब लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने भी खुलकर समर्थन किया है। लोजपा के नेता चिराग पासवान ने कहा है कि वह इस घोषणा का स्वागत करते हैं। चिराग का कहना था कि वह नीतीश कुमार की इस मुहिम का स्वागत करते हैं लेकिन देखना यह होगा कि आखिर यह कैसे सफल होती है।
उन्होंने सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि शराब की दुकानों में नीतीश की सरकार में ही बेतहाशा वृद्धि हुई है। उनके अलावा भाजपा के नेता गिरिराज सिंह ने भी इसका स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव यदि चाहेंगे तो नीतीश कुमार का यह कदम स्वागत योग्य हैं। उनका कहना था कि वह सरकार में शामिल हैं।
नीतीश के मुताबिक, गरीब लोग शराब के सेवन करते हैं इससे उनके परिवार बर्बाद हो रहे हैं। बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है। घरेलू हिंसा में इजाफा हो रहा है। शराबखोरी से सबसे ज्यादा महिलाओं को परेशान होना पड़ रहा है। महिलाओं की खुशी के लिए हम यह फैसला लेने जा रहे हैं।
शराबबंदी से होने वाले 4000 करोड़ रुपए के नुकसान हो लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, इस नुकसान की भरपाई के लिए उचित कदम उठाया जाएगा। 2007 में सरकार ने आबकारी नीती में बदलाव किया था। तब से महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है जो राज्य के जो गांव शराब पर प्रतिबंध लगाने और इसके लिए शुरू की गई कैंपेन में सरकार की मदद करेंगे उन गांवों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने साफतौर पर कहा कि यदि कोई प्रतिबंध लगने के बाद भी शराब की गैरकानूनी बिक्री करते हुए पाया गया तो उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम का कहना था कि कुछ लोग प्रतिबंध के बावजूद भी शराब की गैरकानूनी बिक्री करने की बात कह रहे हैं।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ लेने के बाद पहली घोषणा के तौर पर राज्य में शराब को प्रतिबंधित करने की बात कही थी। एक अप्रेल 2016 से राज्य में शराब प्रतिबंधित हो जाएगी।