भोपाल – प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए सरकार नियमों को सरल करेगी। इसके लिए रहवासियों से वसूल की जाने वाली विकास शुल्क की 50 प्रतिशत राशि भी कम की जाएगी। ये घोषणा मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में की।
पूरे प्रदेश में अवैध कॉलोनियों की संख्या लगभग दो हजार है। गौरतलब है कि अवैध कालोनियों को वैध किए जाने का मसला पिछले दो विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। सरकार ने 2008 में पहली बार अवैध कालोनियों को वैध करने की घोषणा की थी।
प्रश्नकाल के दौरान बसपा की उषा चौधरी ने अवैध कॉलोनियों मुद्दा का मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद इन्हें वैध नहीं किया जा रहा है। नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री लालसिंह आर्य ने जवाब में कहा कि सतना में मुख्यमंत्री ने अवैध कॉलोनी को वैध बनाने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नीति बनाने की घोषणा नहीं की थी।
आर्य ने कहा कि ऐसे कॉलोनीवासी जो विकास शुल्क देते हैं तो उन्हें वैध करने में सरकार को कोई परेशानी नहीं है। अवैध कॉलोनियों में भी बिजली, पानी, सड़क आदि की सुविधाएं दी जा रही हैं। इसी चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सदन में पहुंचे और उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई शहर, कस्बे हैं, जहां कॉलोनाइजर ने कॉलोनी काटी और मध्यमवर्गीय लोगों ने भूखंड लेकर जीवनभर की पूंजी लगाकर मकान बनाए। बाद में पता चलता है कि कॉलोनी अवैध है।
शासन-प्रशासन भी बीच में आ जाता है और कहता है कि रजिस्ट्री और बिल्डिंग परमिशन उचित नहीं है। ऐसी कॉलोनियों (अवैध) को वैध किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया भी बनाई गई है। इसमें अवैध कॉलोनी को वैध करने में रहवासी को निश्चित धनराशि (50 प्रतिशत विकास शुल्क) देनी होती है।
जबकि, 30 प्रतिशत शासन और 20 प्रतिशत संबंधित निकाय देते हैं। प्रक्रिया को सरल बनाएंगे और विकास शुल्क की बाधाएं भी दूर करेंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा का विधायकों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया।