शिवराज सिंह चौहान पिछले दिनों नई दिल्ली में थे और अमित शाह, जेपी नड्डा के अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। घंटों की मैराथन बैठक के बाद नए मंत्रियों के नामों पर सहमति बनी।
भोपाल : तमाम कयासों के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ‘जंबो कैबिनेट’ का विस्तार हो गया। कैबिनेट को लेकर हफ्तों तक अटकलबाजी का दौर चलता रहा।
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक कांग्रेसी विधायकों के बीजेपी में आने के बाद एक बार फिर से शिवराज की ताजपोशी हुई थी, लेकिन कैबिनेट का पूर्ण विस्तार नहीं हो सका था।
सिंधिया समर्थकों को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर भाजपा के प्रदेश के साथ केंद्रीय नेतृत्व को भी माथापच्ची करनी पड़ी।
पिछले तीन-चार दिनों से इसको लेकर गतिविधियां बहुत बढ़ गई थीं। लेकिन अब सीएम शिवराज की टीम का गठन हो चुका है जिसमें 28 मंत्रियों ने शपथ भी ले ली है।
शपथग्रहण समारोह के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी नए मंत्रियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘आज (2 जुलाई) मंत्री पद की शपथ लेने वाले मेरे सभी साथियों को हार्दिक बधाई। हम सब मध्य प्रदेश की प्रगति, विकास एवं जनकल्याण के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए साथ मिलकर कार्य करेंगे। मुझे विश्वास है कि प्रदेश के नवनिर्माण में आप सबका भरपूर सहयोग और योगदान मिलेगा।’
एमपी के मंत्रिमंडल की लिस्ट
गोपाल भार्गव
विजय शाह
जगदीश देवड़ा
बिसाहूलाल सिंह
यशोधराज सिंधिया
भूपेंद्र सिंह
एदलसिंह कंषाना
बृजेंद्र प्रताप सिंह
विश्वास सारंग
इमरती देवी
डा प्रभुराम चौधरी
महेंद्र सिंह सिसोदिया
प्रद्युमन सिंह तोमर
प्रेम सिंह बघेल
प्रेम सिंह पटेल
ओमप्रकाश सकलेचा
उषा ठाकुर
अरविंद्र सिंह भदौरिया
मोहन यादव भदौरिया
हरदीप सिंह डंग
राजवर्धन सिंह शपथ
भरत सिंह
इंदर सिंह परमार
राम खिलावन पटेल
राम किशोर कांवरे
बृजेंद्र सिंह यादव
गिर्राज डंडौतिया
सुरेश धाकड़
ओपीएस भदौरिया
शिवराज सिंह चौहान पिछले दिनों नई दिल्ली में थे और अमित शाह, जेपी नड्डा के अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। घंटों की मैराथन बैठक के बाद नए मंत्रियों के नामों पर सहमति बनी।
पहले यह कहा जा रहा था कि शिवराज कैबिनेट का विस्तार सोमवार को ही हो जाएगा। लेकिन, 1 जुलाई को खुद सीएम शिवराज ने तमाम अटकलों को खारिज करते हुए गुरुवार को कैबिनेट विस्तार करने की घोषणा कर दी थी।
इस बीच, मध्य प्रदेश के मौजूदा राज्यपाल लालजी टंडन का स्वास्थ्य खराब होने के बाद उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया, ताकि संवैधानिक प्रक्रिया निर्बाध तरीके से चलती रहे।
देर रात तक चले मान मनौव्वल के दौर में प्रदेश प्रभारी विनय सहस्रबुद्धे ने पार्टी के सीनियर विधायकों से वन टू वन चर्चा की और फोन पर बात कर मनाने और समझाने की कोशिश की।
बताया जा रहा है कि पार्टी सीनियर विधायकों को घर बैठाने में सफल साबित हुई है। मंत्रिमंडल में अब नए चेहरों और खासतौर से सिंधिया समर्थकों को मौका दिया जा रहा है।