लखनऊ : सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के पहले भाषण में कहा, सदन को चर्चा का मंच बनाना है। इस मौके पर सीएम ने विधानसभा के नव निर्वाचित स्पीकर ह्रदय नारायण दीक्षित का अभिनंदन भी किया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम 22 करोड़ जनता के बारे में सोचकर काम करेंगे और हमें विपक्षी दलों का सहयोग चाहिए। योगी ने यह भी कहा कि चुनाव में हम एक दूसरे के खिलाफ लड़कर आये हैं।
लेकिन सदन के अंदर हमें प्रदेश की 22 करोड़ जनता के हित में काम करना होगा जिसके लिए उसने हमें यहां चुनकर भेजा है। इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीदों पर खरा उतरना है और हमारा लक्ष्य एक होना चाहिए। हमारा लक्ष्य इसे आदर्श विधानसभा बनाना है।
हृदय नारायण दीक्षित 17वीं विधानसभा के अध्यक्ष चुने गये
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हृदय नारायण दीक्षित गुरुवार को सर्वसम्मति से यूपी की 17वीं विधानसभा के अध्यक्ष चुने गये। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने नए अध्यक्ष को बधाई देते हुए दीक्षित की प्रशंसा की। साथ ही यह विश्वास भी दिलाया कि उनकी सरकार विपक्ष के साथ कोई भेदभाव नहीं करेगी।
इस मौके पर योगी ने यह भी कहा कि चुनाव में हम एक-दूसरे के खिलाफ लड़ कर आये हैं, लेकिन सदन के अंदर हमें प्रदेश की 22 करोड़ जनता के हित में काम करना होगा, जिसके लिए उसने हमें यहां चुन कर भेजा है। इसके लिए हम सबको मिल कर काम करना होगा।
अभी तक भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता रहे दीक्षित ने उन्नाव की भगवंतनगर सीट से चुनाव जीता है। उन्हें संसदीय मामलों का बेहतर जानकार माना जाता है। पांच बार विधायक और विधान परिषद सदस्य रह चुके दीक्षित पिछली सरकारों में मंत्री भी रह चुके हैं।
हृदयनारायण दीक्षित के पास सदन में कार्य करने का लंबा अनुभव है। दीक्षित संसदीय कार्य मंत्री रह चुके हैं। वह पांच बार विधायक और विधान परिषद सदस्य रह चुके हैं। विधान परिषद में वह बीजेपी नेता के रूप में जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।
यूपी विधानसभा में आज नए विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित को सर्व सम्मति से चुने जाने के बाद उनके लिए नेता सदन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने स्वागत सम्बोधन प्रस्तुत किया।
इसी क्रम में बोलते हुए बहुजन समाज पार्टी के विधानमंडल दल नेता लालजी वर्मा ने कहा कि इस पद पर पूर्व में जिम्मेदारी निभा चुके सुखदेव राजभर भी हमारे बीच में इस सदन के सदस्य के रूप में उपस्थित हैं। जब राजभर सदन के अध्यक्ष थे तो वह विपक्ष को इतना अधिक समय देते थे, कि कभी कभी मुझे बड़ी परेशानी और कष्ट होता था। हम लोग उस समय सत्ता पक्ष मे थे।
विधायक आराधना मिश्रा मोना ने की विधायक निधि बढ़ाने की मांग।
विधायक राजा भैया ने कहा कि हमे गर्व है, हमारे प्रतापगढ़ से आपके चार प्रस्तावक हैं।
ओमप्रकाश राजभर बोलत हुए गड़बड़ाये बधाई देने के स्थान पर करने लगे अपना बखान।
विधानसभा में नव नियुक्त अध्यक्ष चुने गए ह्रदय नारायण दीक्षित ने कहा कि आप सबका अत्यधिक आभार, साथ ही उन्होंने पूर्व में चली आरही यूरोपीय परिपाटी जिसमे की अध्यक्ष कहीं छुप जाया करता था और नेता सदन, नेता प्रतिपक्ष के साथ उन्हें ढूंढ कर लाते थे अध्यक्ष के आसन पर बिठाने के लिए उस परिपाटी को अब बदलने की आवश्यकता बतायी।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि मैं उस परिपाटी का विरोध करता हूँ, परंतु आज के समय में इस की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि जब कभी सभा का महत्त्व घटता है, सभा की शक्ति कम होती है तब महाभारत जैसे युद्ध की स्थिति बनती है, सभा की गरिमा, सभा की महिमा पूरे देश में वाद-संवाद और निपुणता के लिये जानी जाए ऐसी मेरी कामना है।
आम जनता जो कि सभी कामो की कुंजी विधायक को मानती है और संसदीय नियमावली को अपनी अपेक्षाओं के सामने रखकर नहीं सोचती, इस सदन की जिम्मेदारी उनकी आशाओं के लिये काम करना रहा है। आज हम यहां बैठकर जो भी बातचीत कर रहे हैं या हंस मुस्कुरा रहे हैं, यह सब जनता देख रही है, इसलिए किसी सरकार का नाम लिए बिना में आज पहले दिन ही चाहूंगा कि पूर्व में इस सदन में पूर्व में हुए अप्रिय और सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली स्थिति अब न बने।
अध्यक्ष ने कहा कि आपने पढ़ा होगा कि भारतीय परंपरा में जब काग भुसुंडि और गरुड़ जो पक्षी के रूप में उल्लिखित हैं आपस में बिना लड़ाई के बात-विवाद संवाद कर सकते हैं, तो हम सभी जो लाखो जनाकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं बिना लड़े संवाद क्यों नहीं कर सकते।
नए सदस्यों के लिये उन्होंने कहा कि उन्हें थोड़ा पढ़ना जरूर चाहिए। विधानसभा की लाइब्रेरी बहुत शानदार और समृद्ध है, तथा वहां की पुस्तकें और कुर्सियां उदास होकर भी आप सब का इंतज़ार करती है। क्योंकि सदस्य प्रायः वहां कम ही जाते रहे हैं। उन्होंने शीश झुकाकर सभी का आभार बधाई स्वीकार की।
@ शाश्वत तिवारी