नई दिल्ली : बनारस साधुओं के अपमान एवं हिंदुओं को नरभक्षी बताने पर अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन के खिलाफ विरोध और तेज हो गया है। अमेरिकी कांग्रेस की एकमात्र हिंदू सदस्य तुलसी गबार्ड ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि सीएनएन अपनी शक्ति और प्रभाव का इस्तेमाल हिंदुओं के खिलाफ लोगों में गलतफहमी बढ़ाने के लिए कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सीएनएन ऐसे समय पर यह कार्य कर रहा है जब पूरे अमेरिका में लोगों में एक दूसरे के प्रति समझ बढ़ाने और विभिन्न धर्म के बीच आपसी सद्भाव बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। कहा कि वह इससे काफी व्यथित हैं।
उन्होंने कहा कि सीएनएन के नए शो बिलिवर्स के लिए सही तरीके से शोध नहीं किया गया और इसे सनसनीखेज बनाने का प्रयास किया गया। सनसनीखेज बनाने के लिए रेजा असलान ने जाति, कर्म आदि के बारे में गलतबयानी की। कहा कि सीएनएन ने अपने प्रचार सामग्री में भी हिंदुओं को नरभक्षी बताया।
बता दें कि शो में दिखाया गया है कि अघोरी साधू इंसान की खोपड़ी में असलान को शराब पिलाते हैं। वहीं एक जगह अघोरी साधू कहता है कि ज्यादा बोलोगे तो तुम्हारा गला काट देंगे। इस पर असलान कहते हैं कि हमने यहां आकर गलती की।
इस शो के बाद इस्लाम में आस्था रखने वाले रेजा असलान की पूरे अमेरिका और भारत में हिंदू कड़ा विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि रेजा हिंदूफोबिया से ग्रसित हैं और हिंदुओं की नकारात्मक छवि पेश कर रहे हैं।
वहीं कुछ लोगों कहा कहना है कि असलान ने अपने शो में अघोरी साधू के इंसान के मांस को खाने पर ज्यादा फोकस किया। अमेरिका में रह रहे अरनब रॉय ने ट्वीट कर लिखा कि असलान ने हिंदुओं के लिए बेहद पवित्र गंगा मां को विशाल शौचालय बताया।
अरनब ने कहा कि दुनिया के सबसे प्राचीन शहर वाराणसी को असलान ने ‘सिटी ऑफ डेड ‘ बताया । यह सरासर गलत है और हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि इस शो को बनाने से पहले असलान ने अघोरी साधुओं के बारे में रिसर्च नहीं किया।