उत्तरी राज्य जम्मू—कश्मीर में प्रदर्शनकारी को जीप से बांधकर घुमाने वाले भारतीय सेना के मेजर लितुल गोगाई के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक उन्हें कोर्ट आॅफ इंक्वायरी में दोषी पाया गया है। सेना के द्वारा गठित जांच दल ने उन्हें स्थानीय लोगों को आदेश के बिना धमकाने और आॅपरेशनल एरिया में होने के बावजूद ड्यूटी के स्थान से दूर रहने का दोषी पाया है।
वैसे बता दें कि मेजर लीतुल गोगाई को जम्मू—कश्मीर पुलिस ने एक स्थानीय महिला के साथ 23 मई को हिरासत में लिया था। उन पर कथित तौर पर होटल में रहने के दौरान महिला के साथ झगड़ा करने का आरोप लगा था। इसके बाद सेना ने एक ब्रिगेडियर की अध्यक्षता में COI गठित की थी।
जांच दल ने इस मामले में आरोपी मेजर गोगोई का बयान दर्ज किया था। संबंधित दस्तावेजों की जांच के अलावा अन्य आर्मी अधिकारियों के भी बयान दर्ज किए गए थे।
जबकि 31 मई को, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर अदालत को अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि ‘गोगोई के खिलाफ कोई मामला नहीं बनाया गया है। चूंकि होटल के मालिक और लड़की ने उनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराई है।’
जबकि 26 मई को आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने पहलगाम में कहा था, ‘अगर मेजर गोगोई ने कुछ गलत किया है तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि उन्हें सजा दी जाएगी। सजा भी ऐसी हो होगी जो एक उदाहरण बन जाएगा।’
पिछले साल मेजर गोगोई ने एक नागरिक को जब ‘ह्यूमन शील्ड’ के रूप में जीप से बांधा तब आर्मी चीफ ने उनका समर्थन किया था। उन्हें पुरस्कार भी दिया गया। हालांकि मामले में तब खासा विवाद हुआ था।