मंडला – कलेक्टर प्रीती मैथिल उस समय एक गृहणी के रूप में नजर आईं जब उन्होंने जिले के विकासखंड बीजाडांडी में एक समीक्षा बैठक के दौरान बच्चों को पोषण आहार में दी जाने वाली खिचड़ी खुद पकाई। कलेक्टर ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षकों और बच्चों की माताओं को खिचड़ी बनाकर बताया और कहा कि यदि इस तरह से बच्चों के स्वादानुसार, रुचिकर आहार दिया जाए तो न केवल बच्चे बड़े चाव से पोषण आहार ग्रहण करेंगे बल्कि कुपोषण का शिकार होने से भी बचेंगे।
बीजाडांडी में विकासखंड स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान जब कुपोषित बच्चों की टेक होम राशन वितरण की बात सामने आई तब कलेक्टर ने कहा कि सिर्फ पोषण आहार माताओं को दे दिया जाना योजना का मुख्य उद्देश्य नहीं है बल्कि उसे बच्चे की रूचि के अनुसार पकाना और उसे दिया जाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दिया जाने वाला पोषण आहार बच्चों को अलग अलग ढ़ग से उसकी रूचि अनुसार पका कर दिया जाये तो वह स्वाद से खायेगा।
कलेक्टर प्रीती मैथिल ने तत्काल एक स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को गैस, कुकर एवं पोषण आहार उपलब्ध कराने कहा। इसी के साथ कुछ सब्जी, टमाटर, भाजी आदि भी बुलाई और सभी कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षक, परियोजना अधिकारी के समक्ष पोष्टिक खिचड़ी बनाकर दिखाई और कहा कि इसी प्रकार बच्चों के स्वाद का ध्यान रखते हुये यदि उन्हे पोषण आहार दिया जायेगा तो निश्चित ही वह कुपोषण से मुक्ति पा लेगां इसी आधार पर उन्होंने पर्यवेक्षकाओं को अपने सेक्टर की आंगनबाड़ियों में साप्ताहिक दिन तय कर प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये है।
रिपोर्ट- @सैयद जावेद अली