जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाये जाने के बाद से घाटी में हालात अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीरी डेलिगेशन को भरोसा दिलाया है कि घाटी में अगले दो हफ्ते में मोबाइल और इंटरनेट की सेवाएं सामान्य हो जाएगी।
इस बीच केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि वहां के पंच और सरपंच को 2-2 लाख का बीमा दिया जाएगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कश्मीर के 22 गांव के पंच और सरपंचों से मुलाकात की। ये वहीं लोग थे जो आतंकियों की लगातार धमकियों के बावजूद चुनाव लड़े। इसके अलावा इस बैठक में गृह मंत्रालय के कई अधिकारी भी शामिल हुए।
इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने ऐलान किया है कि वो जम्मू कश्मीर में 2 करोड़ का निवेश करेगी। इसके तहत लेह और पहलगाम में रिसोर्ट बनाने के लिए जमीन खरीदेगी।
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में विकास की पहल पर जोर देते हुए केंद्रीय मंत्रियों से क्षेत्र के लिए योजनाओं और परियोजनाओं पर काम करने के लिए कहा था।
उन्होंने इसके साथ ही राज्य के उन अधिकारियों और छात्रों के साथ संवाद कायम करने का भी आह्वान किया जो मौजूदा समय में देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे हैं।
पांच अगस्त को केंद्र की ओर से आर्टिकल-370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था।
फिलहाल घाटी के 90 फीसदी से ज्यादा हिस्सों में दिन में प्रतिबंध नहीं हैं और स्थिति में सुधार को देखते हुए 92 पुलिस थाना क्षेत्रों में प्रतिबंधों में ढील दी गई है। निजी वाहन सड़क पर चल रहे हैं। कुछ इलाकों में ऑटो रिक्शा और एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाली कैब भी चल रही है।
घाटी के ज्यादातर क्षेत्रों से अवरोधक हटा दिये गए हैं लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बल तैनात रखे गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि घाटी में 95 टेलीफोन एक्सचेंजों में से 76 में लैंडलाइन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। ये सेवा कारोबारी क्षेत्र लाल चौक और प्रेस एन्क्लेव में अब भी बंद है।