नई दिल्ली : 2019 लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में एक और नई पार्टी ने दस्तक देने की तैयारी कर ली है। ये पार्टी है प्रतापगढ़ के कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की। जिन्होंने शुक्रवार को अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया है। राजा भैया की नई पार्टी का नाम जनसत्ता पार्टी रखा है। नई पार्टी के ऐलान के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने राजनीति में निर्दलीय विधायक के तौर 25 साल पूरे किए हैं। हालांकि अब मैंने एक राजनीतिक दल बनाने का फैसला किया है। इसके रजिस्ट्रेशन के लिए चुनाव आयोग से संपर्क किया है। ऐसा माना जा रहा है कि नई पार्टी के जरिए राजा भैया कहीं न कहीं अपना कद बढ़ाने की फिराक में हैं। यही वजह है कि वो नई राजनीतिक पार्टी बनाने के बाद लोकसभा चुनाव में उतर सकते हैं।
25 साल के राजनीतिक करियर के बाद पहली बार ‘कुंडा के राजा’ रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने दलीय राजनीति में उतरने का ऐलान किया है। राजा भैया ने 30 नवंबर को लखनऊ में बड़ी चुनावी रैली अयोजित करने की योजना बनाई है। दरअसल इसी दिन राजा भैया के राजनीति में 25 साल पूरे हो रहे हैं। कभी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) तो कभी समाजवादी पार्टी (सपा) के करीबी रहे राजा भैया, हमेशा से निर्दलीय राजनेता के तौर पर ही चुनाव मैदान में उतरे। वो यूपी में बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों की ही सरकारों के करीबी रहे और समय-समय पर मंत्री पद भी हासिल करते रहे हैं। हालांकि अब उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाने की रणनीति अपनाई है।
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के नई पार्टी बनाने के पीछे मुख्य वजह ये है कि कुछ समय पहले ही संपन्न हुए राज्यसभा चुनाव में उम्मीद की जा रही थी राजा भैया अपने सहयोगी विधायकों के साथ एसपी-बीएसपी के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और बीजेपी समर्थित उम्मीदवार के पक्ष में वोट किया। उनके इस कदम की वजह से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनकी तल्खी बढ़ गई। दूसरी ओर जिस रणनीति के तहत उन्होंने बीजेपी का समर्थन किया, उसमें भी उन्हें खास फायदा नहीं मिल सका। ऐसी सूरत में अब उन्होंने दलीय राजनीति में उतरने और अपनी पार्टी बनाकर सियासी पारी आगे बढ़ाने का फैसला लिया है।
जनसत्ता पार्टी के जरिए आगे राजनीति की रूपरेखा बना रहे राजा भैया की नजरें अब लोकसभा सीटों पर है। राजनीति की सिल्वर जुबली पूरी कर चुके राजा भैया की योजना पर गौर करें तो वो नई पार्टी बनाकर यूपी की कुछ लोकसभा सीटों को साधने की कवायद में जुट गए हैं। दरअसल अभी तक उनके समाजवादी पार्टी से अच्छे संबंध थे, उस समय उनके करीबियों को उन्होंने कई बार सपा से टिकट दिलाए थे। हालांकि हाल के राज्यसभा चुनाव के बाद से सपा मुखिया अखिलेश यादव उनसे नाराज हैं, ऐसे में उन्हें अपने समर्थकों के लिए सपा या फिर किसी अन्य राजनीतिक दल से टिकट मिलने की संभावना कम नजर आ रही है। इन्ही हालात को देखते हुए उन्होंने नई पार्टी बनाने का फैसला लिया।
सियासी पारी की सिल्वर जुबली के मौके पर राजा भैया ने जनसत्ता पार्टी के नाम से नए दल का ऐलान कर दिया है। नई पार्टी के ऐलान के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने राजनीति में निर्दलीय विधायक के तौर 25 साल पूरे किए हैं। हालांकि अब मैंने एक राजनीतिक दल बनाने का फैसला किया है। इसके रजिस्ट्रेशन के लिए चुनाव आयोग से संपर्क किया है।