बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बीते कई महीनों से महागठबंधन में चल रहे विवाद के बीच नीतीश ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ ही बिहार की 20 महीने पुरानी महागठबंधन की सरकार गिर गई।
महागठबंधन में नीतीश की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस शामिल थीं। इस्तीफा देने के बाद नीतीश ने कहा कि जितना संभव हो सका, उन्होंने गठबंधन धर्म का पालन करने की कोशिश की, लेकिन बीते घटनाक्रम में जो चीजें सामने आईं उसमें काम करना मुश्किल हो गया था। नीतीश ने कहा, “मैंने इन 20 महीनों में जितना हो सका, सरकार चलाने की कोशिश की। लेकिन इस बीच जो हालात बने, जिस तरह की चीजें उभरकर सामने आईं, उसमें काम करना, नेतृत्व करना संभव नहीं रह गया था।”
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव प्रकरण पर नीतीश ने कहा, “हमने कभी किसी का इस्तीफा नहीं मांगा था, बल्कि उनका पक्ष मांगा था। तेजस्वी और लालू यादव से हमने कहा था कि जो भी आरोप लगे हैं, उसे लोगों के बीच साफ करें।” नीतीश ने नोटबंदी और राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अपनी पार्टी के पक्ष पर सवाल उठाए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “हमने नोटबंदी का समर्थन किया, तब हम पर सवाल उठाए गए। हमारे बिहार के राज्यपाल राष्ट्रपति बनने वाले थे, हमने उनका समर्थन किया, तब भी हम पर सवाल उठाए गए। इस तरह काम करना मेरे स्वभाव के विपरीत है।”
दूसरी तरफ नीतीश कुमार के इस्तीफे पर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। भाड़ में जा लिखते हैं, ‘क्या नीतीश कुमार भाजपा में शामिल होंगे या नहीं। सच तो ये है कि वो अपनी राजनीतिक विरासत में बचाने की कोशिश में लगे हैं।’ मुखर्जी लिखते हैं, ‘नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। पहले लालू और कांग्रेस की मदद से बने थे। अब मोदी की मदद से बनेंगे।’
एक यूजर लिखते हैं, ‘नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा। बिहार महागठबंधन का खात्मा हुआ।’ मयंक शर्मा लिखते हैं, ‘नीतीश ने तत्काल प्रभाव से सेकुलर सर्टिफिकेट फाड़ दिया।’ गोल्डन लिखते हैं, ‘नीतीश ने विधानसभा सत्र से पहले तेजस्वी के खिलाफ एक्शन लिया।’
सुशील मोदी लिखते हैं,’ नीतीश कुमार एक हाईजैक हो चुके विमान के मुख्यमंत्री थे।’ सर अक्षय कुमार लिखते हैं, ‘बिहार में आपका स्वागत है नीतीश कुमार साहब।’ सलोनी लिखती हैं, ‘नीतीश कुमार अभी बच्चे हैं। वो भाजपा की झूठी चाल को समझ नहीं सकते। वो पहले ही भाजपा के पाले में जा चुके हैं।
इसलिए आरजेडी से अलग होना चाहते थे।’ अरविंद लिखते हैं, ‘कोई संजय सिंह से कहे कि वो नीतीश को दिया ईमानदारी का सर्टिफिकेट वापस लें।’ वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए लिखा, ‘बधाई हो पीएम मोदी जी। नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन लिया। दोस्त बने दुश्मन फिर दोस्त बने नीतीश कुमार।’