पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री जी, क्या आप हमारे ही क्षेत्र में ‘बफर जोन’ बना रहे हैं? क्या आप हमारे जवानों को अपने ही सीमा में 2.4 किलोमीटर पीछे कर रहे हैं? क्या आप पीपी-14 के भारतीय क्षेत्र होने पर समझौता कर रहे हैं?’
नई दिल्लीः कांग्रेस ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे गतिरोध के बीच कुछ इलाकों से चीनी सैनिकों के पीछे हटने की शुरुआत के बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि क्या गलवां घाटी पर भारत के दावे को कमजोर किया जा रहा है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री जी, क्या आप हमारे ही क्षेत्र में ‘बफर जोन’ बना रहे हैं? क्या आप हमारे जवानों को अपने ही सीमा में 2.4 किलोमीटर पीछे कर रहे हैं? क्या आप पीपी-14 के भारतीय क्षेत्र होने पर समझौता कर रहे हैं?’
उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘क्या आप गलवां घाटी पर भारत के दावे को कमजोर कर रहे हैं?’ सुरजेवाला ने कहा कि भारत इन सवालों के जवाब मांगता है।
Dear PM,
1. Are you creating a “buffer zone’ in our own territory?
2. Are you pushing our forces back 2.4 KM in our territory?
3. Are you compromising on PP-14 being Indian territory?
4. Are you diluting India’s claim over Galwan Valley?India demands answers. pic.twitter.com/pjugj6F9bL
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 9, 2020
गौरतलब है कि सीमा पर तनाव कम होने के पहले संकेत के रूप में चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में कुछ इलाकों से अपनी सीमित वापसी शुरू कर दी है। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर बात की जिसमें वे एलएसी से सैनिकों के तेजी से पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमत हुए।
इसी बीच भारत के रक्षा सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक अधिकारी का कहना है कि भारत चीन पर कड़ी नजर रखेगा कि वह 30 जून को सैन्य कमांडरों के बीच हुई वार्ता के फैसले पर कायम रहता है या नहीं। वार्ता में दोनों सेनाओं के चरणबद्ध तरीके से पीछे हटने पर सहमति बनी थी।
सरकार के उच्च सूत्रों ने कहा कि यदि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गलवां नदी के पास चीन ने जो कच्ची सड़क बनाई है वो बंद मिली या फिर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) सर्दियों के लिए आवास बनाती हुई नजर आई तो इसे माना जाएगा कि वह पीछे हटने की बजाय वहीं पर बने रहना चाहते हैं।