नई दिल्ली : ‘देश की सुरक्षा के लिए यूपीए सरकार ने बड़ा कदम उठाया और राफेल विमान सौदा हुआ था, लेकिन मोदी सरकार ने एक तरफा फैसला लेकर वो सौदा रद्द कर दिया।’ यह बात कांग्रेस नेता और राज्यसभा में नेता गुलाम नबी आजाद ने एक प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के सौदे में तकनीक के हस्तांतरण और विमानों की संख्या, जो कम से कम 126 थी उसकी जगह केवल 36 विमान खरीदने का फैसला मौजूदा सरकार ने किया। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने राफेल सौदे में 10 विमान कम करके देश की सुरक्षा से समझौता किया है। आजाद ने कहा कि हमने तो ‘मेक इन इंडिया’ के लिए बड़ा कदम उठाया था, लेकिन इसका दावा करने वाले प्रधानमंत्री जी ने ना केवल पूरे सौदे को रद्द कर दिया बल्कि नए सौदे में तकनीक हस्तांतरण को जगह नहीं दी।
इसी प्रेस वार्ता में कांग्रेस प्रवक्ता और हरियाणा से विधायक रणदीप सिंह सूरजेवाला ने कहा कि झूठा राष्ट्रवाद जपना और भ्रष्टाचार छुपाओ अपना, मोदी सरकार हमें झूठ का पुलिंदा परोस रही है। उन्होंने कहा कि पूरे रक्षा सौदे में कोई पारदर्शिता नहीं है। सूरजेवाला ने कहा कि 35 माह बीत जाने के बाद भी आपात खरीद वाले लड़ाकू जहाज़ की डिलिवरी भारत को नहीं मिली। सूरजेवाला ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में प्रति विमान खरीद मूल्य छुपाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राफेल विमान बनाने वाली कंपनी ने भारत द्वारा खरीदे जाने वाले 36 लड़ाकू विमानों के खरीद मूल्य का खुलासा किया है। उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री लड़ाकू जहाज की कीमत बताने से क्यों कतरा रहे हैं। सूरजेवाला ने कहा कि कतर को जो राफे जेट 1391 करोड़ में बेचे गए थे, 11 महीने बाद उसी कंपनी से वही विमान भारत के लिए 1670 करोड़ में क्यों खरीदे गये? देश के राजस्व को हुए नुकसान की भरपाई कौन करेगा?
उन्होंने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट से रक्षा मंत्री का झूठ भी पकड़ा गया है। सूरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ये तो बता दें कि क्या छुपाया जा रहा है, क्यों और किसके लिए छुपाया जा रहा है? वहीं कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने कहा कि रिलायंस को जो ऑफसेट दिया गया है उसके लिए विमानन क्षेत्र में जो पूर्व अनुभव होना चाहिए, वो रिलायंस कम्पनी के पास नहीं है।