भोपाल- आतंकी संगठन आईएसआई के जासूसी रैकेट के खुलासे के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा है कि पिछले दिनों मध्य प्रदेश में जिस आईएसआई नेटवर्क का खुलासा हुआ उसके बाद भाजपा आईएसआई सर्टिफाइड पार्टी बन गई है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के टेलीफोन नेटवर्क में भाजपा, बजरंग दल और विहिप से जुड़े लोग सामने आए हैं।
कांग्रेस सांसद एवं प्रवक्ता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हर व्यक्ति से जुड़ी आंतरिक सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक है। केंद्र सरकार के आंतरिक सुरक्षा में विफल रही है। कांग्रेस यह मुद्दा हर मंच पर उठाएगी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में सीबीआई से कराई जाए।
सिंधिया ने कहा कि पिछले दिनों मध्यप्रदेश में एटीएस ने आईएसआई नेटवर्क का खुलासा किया है। एटीएस ने 11 लोगों को जासूसी के आरोप में अत्याधुनिक तकनीक से लैस दूरसंचार उपकरणों के साथ पकड़ा है। ये सेना और देश से जुड़ी अन्य सूचनाएं, मूवमेंट, फोटो आदि पाकिस्तान खुफिया एजेंसी को मुहैया कराते थे।
‘भाजपा आलोचकों को राष्ट्रविरोधी ठहराती है और राष्ट्रवादी होने का प्रमाणपत्र देती है’
कांग्रेसी नेता ने बताया कि सूचना मिली है कि आईएसआई का नेटवर्क देश के चार बड़े नगरों में 30 एक्सचेंज के माध्यम से चल रहा है। इसमें सबसे बड़ा खुलासा इस बात का हुआ है कि जो लोग पकड़े गए हैं उनका संबंध भाजपा, बजरंग दल और विहिप से है। मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज पाटिल और भाजपा नेता विजय वर्गीय के साथ चित्रों में आरोपी साथ खड़े हैं। 11 में तीन शख्स सीधे तौर पर भाजपा से जुड़े हैं। बजरंग दल से ताल्लुक रखने वाला बलराम सिंह इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड था और आईएसआई से विदेशी मुद्रा इसी के माध्यम से आती थी। इसने बजरंग दल के अन्य सदस्यों के नाम पर भी बैंक खाते खोल रखे थे।
सिंधिया का कहना है कि भाजपा अपने आलोचकों को राष्ट्रविरोधी ठहराती है और राष्ट्रवादी होने का प्रमाणपत्र देती है उसकी नाक के नीचे देश में इतना बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था। न प्रदेश सरकार और न ही केंद्र सरकारी खुफिया एजेंसियां जान सकीं। सिमी से जुड़े आतंकी आसानी से जेल से फरार हो जाते हैं।
कश्मीर में मासूमों पर अत्याचार न हो: कांग्रेस
सेना प्रमुख के बयान पर कांग्रेस का कहना है कि देश की सुरक्षा से जुड़े किसी भी मुद्दे पर समझौता नहीं किया जा सकता है। सिंधिया ने कहा कि यह गंभीर मामला है। जो गलत कामों में लिप्त हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि मासूमों पर अत्याचार न हो। उनका कहना है कि एक साल पहले जो घटनाएं कश्मीर में हुई उसमें संयम बरतने की जरूरत थी। [एजेंसी]