लखनऊ- राज्यसभा चुनाव में दूसरे दल के उम्मीदवार को वोट देने पर कांग्रेस ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के अपने छह विधायकों को पार्टी से निकाल दिया। पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने पार्टी मुख्यालय में राज्य के प्रभारी गुलाम नबी आजाद के साथ इसकी घोषणा की। छह विधायकों में तीन ने भाजपा के पक्ष में, जबकि तीन ने बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के पक्ष में मतदान किया था।
उन्होंने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के चार विधायकों ने और बहुजन समाज पार्टी के भी चार विधायकों ने भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में वोट दिया था। भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए सारे हथकंडे अपनाए थे।
ये छह विधायक हैं –
बस्ती जिला से संजय प्रताप जायसवाल,
बहराइच से माधुरी वर्मा,
कुशीनगर से विजय दुबे,
अमेठी से मुहम्मद मुस्लिम,
बुलंदशहर से दिलनवाज खान
रामपुर से काजिम अली खान।
आजाद ने कहा, “उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की सीट के लिए 34.5 या 35 मतों की जरूरत थी। 41 विधायकों के साथ भाजपा ने दूसरे उम्मीदवार को भी जिताने की कोशिश की, जबकि उसके पास 27 वोट कम थे। उन्होंने हमारे लोगों को प्रभावित करने के लिए धन बल, बाहुबल और बहुत सारे अन्य उपायों का इस्तेमाल किया, जिनके बारे में सुना भी नहीं गया था।”
उन्होंने कहा कि चूंकि इन सभी छह विधायकों ने मतदान के पहले उन्हें अपनी मतदान पर्ची दिखाई थी, इसलिए पार्टी के पास उनके खिलाफ सबूत हैं।
आजाद ने कहा, “मैं पर्यवेक्षक था और उन लोगों ने अपना वोट दिखाया था। इसलिए हमारे पास प्रमाण है और उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निकालने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने की कोई जरूरत नहीं है।”
उन्होंने कहा, “विधान परिषद चुनाव में हमारे सात विधायकों ने दूसरे दल के उम्मीदवार को वोट दिया था। उस मामले में चूंकि हमारे पास कोई विश्वसनीय प्रमाण नहीं है, लिहाजा हम उन सात व्यक्तियों के बारे में भी पता लगा रहे हैं।”