कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में मीसाबंदी सम्मान निधि से मिलने वाली पेंशन बंद करने की तैयारी कर ली है।
सरकार ने विस्तृत अध्ययन करने के बाद मीसाबंदी सम्मान निधि विधेयक को निरस्त करने के लिए मसौद तैयार कर लिया है।
इस पेंशन का फायदा संघ पृष्ठभूमि के बड़े नेताओं को भी मिल रहा है। कमलनाथ सरकार ने इसे फिजूलखर्ची बताकर निरस्त करने की तैयारी की है।
यह मसौदा फिलहाल मुख्यमंत्री कार्यालय में है। इसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद विधानसभा के पहले सत्र में पेश किया जाएगा।
इस पेंशन का फायदा भाजपा के दिग्गज नेता भी ले रहे हैं, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री थारचंद गेहलोत, बाबूलाल गौर, पूर्व मंत्री अजय विश्नोई, राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी आदि शामिल हैं।
बता दें कि ये पेंशन आपातकाल के दौरान मीसा कानून के तहत जेल गए लोगों को दी जाती है। प्रदेश में फिलहाल दो हजार से ज्यादा मीसाबंदी हैं।
इन्हें वर्तमान में 25 हजार मासिक राशि मिल रही है। इस पेंशन पर करीब 70 करोड़ सालाना खर्च होता है।
मीसाबंदियों के संगठन लोकतंत्र सेनानी संघ ने कांग्रेस सरकार को चेतावनी दी है कि अगर इसे बंद किया गया तो वो इसके खिलाफ होईकोर्ट जाएंगे।