नई दिल्लीः कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए शुक्रवार को वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक में एक ओर नेताओं ने जल्द आंतरिक चुनाव कर अध्यक्ष चुनने की अपील की तो वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बागी नेताओं पर भड़क गए और उन्होंने कहा कि चुनाव की इतनी जल्दी क्यों है, क्या आपको सोनिया गांधी के नेतृत्व पर विश्वास नहीं है।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी में अशोक गहलोत ने कहा कि इस समय देश में किसान आंदोलन, महंगाई, अर्थव्यवस्था जैसे कई मुद्दे हैं, क्या पार्टी का इन मुद्दों पर फोकस करना जरूरी नहीं हैं। पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव तो बाद में भी हो सकता है। बता दें कि इससे पहले पार्टी के कई नेता संगठन चुनाव को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बैठक में संगठन चुनाव का मुद्दा उठाया, जिस पर अशोक गहलोत ने उन्हें जवाब दिया। बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से कहा गया कि पार्टी को जल्द ही इसका शेड्यूल निकाल चाहिए, क्योंकि इसके अलावा कई और मुद्दे भी हैं, जो अहम हैं।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की आज की बैठक में यह बात सामने निकलकर आई है कि कांग्रेस जून महीने में आंतरिक चुनाव करा सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि पार्टी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने के बाद ही अध्यक्ष पद का चुनाव कराएगी।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में किसान आंदोलन, टीकाकरण और चैट विवाद पर जांच की मांग से जुड़े प्रस्ताव पास किए गए हैं। शुक्रवार की बैठक में यह तय हुआ कि कांग्रेस जिला और ब्लॉक स्तर पर लगातार कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी करेगी।
इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में वैक्सीन की कीमत तय की जा रही है लेकिन गरीब कैसे टीका लगवाएगा। तेल के दाम भी बढ़ रहे हैं। किसान आंदोलन में लोग मारे जा रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है, इसलिए ऐसे राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है।
कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित व्हाट्सएप बातचीत को राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करार दिया है। समिति ने इस संबंध में कहा कि इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराई जानी चाहिए।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में व्हाट्सएप बातचीत मामले, कृषि कानूनों और कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के मुद्दों को लेकर तीन अलग-अलग प्रस्ताव पारित किए गए। कांग्रेस कार्य समिति ने सरकार से तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और कोरोना वायरस के टीके लगवा रहे स्वास्थ्यकर्मियों की चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक उपाय करने और ‘मुनाफाखोरी रोकने का आग्रह किया।
व्हाट्सएप बातचीत मामले का उल्लेख करते हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकारी गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन हुआ है तथा राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ भी किया गया है। हम इसकी जेपीसी से जांच कराने की मांग करते हैं। जो लोग भी राजद्रोह के दोषी हैं, उन्हें कानून की जद में लाया जाना चाहिए और सजा दी जानी चाहिए।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि संसद के आगामी सत्र में पार्टी समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर ‘किसान विरोधी कानूनों’ का विरोध करेगी और सरकार पर दबाव बनाएगी कि वह इन कानूनों को निरस्त करे।