प्रयागराज : इलाहाबाद संसदीय सीट पर सवर्ण वोटों की संख्या अधिक होने के चलते यहां से भाजपा ने रीता बहुगुणा जोशी को चुनाव मैदान में उतार कर ब्राहम्ण कार्ड खेला है। वहीं, अब कांग्रेस भी सर्वण कार्ड चलने की तैयारी कर रही है और पार्टी चार नामों को लेकर कश्मकश में है। चूंकि टिकट में देरी से माहौल बनाने में भी देरी होगी, इसलिए कांग्रेस जल्द से जल्द इस पर फैसला करना चाह रही है। संजय दत्त के इनकार के बाद किसी बड़े चेहरे को इलाहाबाद से उतारने की तलाश में कांग्रेस ने चार नाम तलाशे हैं, जिसमें पहला नाम फिल्म अभिनेत्री व टीवी जगत की मशहूर कलाकार श्वेता तिवारी का नाम टॉप पर है।
गौरतलब है कि श्वेता तिवारी प्रतापगढ़ की रहने वाली हैं और इनका बचपन यहीं बीता है। उनके बेहद पारिवारिक संबंध कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी से भी हैं और श्वेता का जुड़ाव हमेशा से संगम नगरी से रहा है। ऐसे में भीड़ बटोरने में तो श्वेता तिवारी सफल होंगी और अगर भीड़ को वोटों में वह तब्दील कर सकीं तो कांग्रेस के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
श्वेता तिवारी का नाम भले ही सबसे ऊपर हो और उन्हेंं टिकट दिये जाने की संभावना भले ही सबसे अधिक हो, लेकिन उनकी राजनीति से अनभिज्ञता के कारण दूसरे नंबर पर टिकट के दावेदार पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी का नाम भी काफी प्रभावशाली माना जा रहा है। मूलरूप से प्रयागराज के हंडिया के रहने वाले राकेशधर स्थानीय राजनीति का बड़ा नाम हैं और परिक्षेत्र में एकक्षत्र राज करने व अपने परिवार को एक राजनैतिक परिवार के रूप में स्थापित करने में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। यूपी की राजनीति में कद्दवार स्थान हासिल करने वाले राकेशधर कालेधन के मामले में फंसे थे, जिसका केस अभी भी चल रहा है।
इसके अलावा भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास़्त्री के पौत्र विभाकर शास्त्री भी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं और कायस्थ वोटों के समीकरण को सुलझाने में यह सबसे बड़ा चेहरा बन सकते हैं। प्रयागराज में कायस्थ वोटों का प्रभुत्व कई दशकों तक रहा है और एशिया के सबसे बड़े केपी ट्रस्ट का संचालन यहीं से जुड़ा होने व उसमें अहम भूमिका के चलते सजातीय समर्थन की सर्वाधिक संभावना इन्हें ही है। हालांकि, स्थानीय पार्टी नेतृत्व ने राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी का भी नाम इस सीट से सुझाया है, लेकिन प्रमोद तिवारी ने इस सीट से चुनाव न लड़ने की संभावना को पहले ही व्यक्त कर दिया है। ऐसे में तीन नामों पर भी अधिक चर्चा है और उन्हें ही टिकट दिये जाने की संभावना है।
इलाहाबाद संसदीय सीट पर सवर्ण वोटरों की संख्या सर्वाधिक है। ब्राहम्ण, ठाकुर, कायस्थ, बनिया वर्ग की पैठ राजनीति में सर्वाधिक होने के कारण यहां पर इनके वोट ही हार जीत का पूरा समीकरण तय करते हैं। इसे देखते हुये ही कांग्रेस भी सवर्ण कार्ड खेलने को तैयार है। ऐसा करना उसके लिऐ जरूरी भी है, क्योंकि इलाहाबाद से सटे फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में उन्होंने पहले ही बैकवर्ड कार्ड खेला है। ऐसे में मतदाताओं को वह नाराज भी नहीं करना चाहेंगे। इस बावत जानकारी देते हुये कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अनिल द्विवेदी ने बताया कि हम किसी बड़े चेहरे को ही यहां उतारने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। भाजपा के पत्ते खोलने के बाद सपा-बसपा गठबंधन की संभावित रणनीति को देखते हुये ही आगे कार्य किया जा रहा है। अभिनेत्री श्वेता तिवारी ने यहां से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है और उनके नाम पर सहमति भी बन गयी है। फिलहाल, पूर्व मंत्री राकेशधर कांग्रेस से संपर्क बनाये हुये हैं, जबकि स्थानीय नेतृत्व की ओर से दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी व विभाकर शास्त्री का नाम सुझाया गया है। पार्टी को ओर से इन चारो नामों पर विचार किया जा रहा है। जल्ह ही प्रत्याशी की घोषणा की जायेगी।