भोपाल – कांग्रेस विधायक दल की आक्रामक रणनीति ने पूरी सरकार को बैचेन कर दिया। तमाम कोशिशों के बावजूद नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे और विधायक दल रातभर धरने देने के फैसले से नहीं डिगा। सभी 34 विधायकों का विधानसभा में ही शाम की चाय, नाश्ता, और खाना हुआ।
कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में ही रात गुजारी ।बुधवार सुबह भी कांग्रेस विधायकों का धरना जारी है। नेता प्रतिपक्ष के अनुसार शाम चार बजे तक धरना जारी रहेगा। सुबह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी विधानसभा परिसर पहुंचे।
इससे पहले पिछली रात साढ़े आठ बजे विधानसभा पहुंचे दिग्विजय सिंह पौने दस बजे तक सचिवालय के गलियारे में बैठे रहे। अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा की पहल पर उन्होंने अध्यक्षीय दीर्घा में जाकर विधायकों से बात की, तो संसदीय कार्यमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा अध्यक्ष के बुलावे पर देर रात आए और नेता प्रतिपक्ष से बात करके चले गए।
विधायक तरूण भनोत, जीतू पटवारी ने बताया कि किसानों का सर्वे 30 दिन के भीतर करके मुआवजा देने की मांग उठाई है। इसका कोई हल मुख्यमंत्री ने नहीं सुझाया। सरकार अपने तयशुदा कार्यक्रम को पूरा करके चली गई और किसानों का मुद्दा जहां का तहां रह गया। इसके विरोध में किसानों की आवाज बनकर कांग्रेस के विधायक सदन के भीतर बैठे ।
धरने की खबर को कवर करने पहुंची मीडिया की भीड़ को देखते हुए विधानसभा प्रशासन ने भारी पुलिस बल बुलवा लिया। साढ़े नौ बजे के करीब सभी मीडियाकर्मियों को विधानसभा परिसर के बाहर कर दिया गया।
विधायकों से चर्चा करके निकले दिग्विजय सिंह ने कहा कि अध्यक्ष भी कांग्रेस दल की ओर से उठाई गई मांगों से सहमत हैं। इसके बावजूद सरकार मानने को तैयार नहीं है। सरकार केवल किसान हितैषी होने का ढोंग करती है। संसदीय कार्यमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्र ने कहा कि राजनीति में हठ का कोई स्थान नहीं है। सदन चर्चा के लिए है। सभी सदस्यों को बोलने का भरपूर अवसर मिला। जो व्यवहारिक मांगें थी उन्हें स्वीकार भी किया गया।