स्वाइन फ्लू की वजह से एम्स में भर्ती भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद ने आपत्तिजनक बयान दिया है।
शाह की बीमारी पर तंज कसते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बीके हरिप्रसाद ने इसे ‘सूअर का जुकाम’ बताया और कहा कि कर्नाटक सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करेंगे तो और भी गंभीर बीमारियां होंगी।
कांग्रेस नेता के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पलटवार किया है।
शाह पर कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए हरिप्रसाद ने कहा, ‘अगर शाह यह प्रयास जारी रखते हैं तो उन्हें और ज्यादा गंभीर बीमारी से जूझना पड़ सकता है।’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘बोगस चाणक्य ने कर्नाटक में तीन बार कोशिश की और फेल हुए। अमित शाह ने चार कांग्रेस विधायकों को अगवा करवाया और उनके परिजन अब अदालत में केस दर्ज कराएंगे। इसीलिए अमित शाह स्वाइन फ्लू से पीड़ित हैं। उन्हें अब शांत हो जाना चाहिए।’
बीजेपी का पलटवार
इस बयान के बाद बीजेपी को कांग्रेस पर हमले का मौका मिल गया। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने हरिप्रसाद के बयान पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, ‘जिस तरह का गंदा और बेहूदा बयान कांग्रेस के सांसद बीके हरिप्रसाद ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाहजी के स्वास्थ्य के लिए दिया है, यह कांग्रेस के स्तर को दर्शाता है। फ्लू का उपचार है लेकिन कांग्रेस के नेताओं की मानसिक बीमारी का उपचार मुश्किल है।’
केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी हरिप्रसाद के बयान की तीखी आलोचना की है। राठौड़ ने ट्वीट किया, ‘कांग्रेस नेता के इस बयान से दुखी हूं, लेकिन अचरज में नहीं हूं। इस तरह का घटिया बयान कांग्रेस लीडरशिप की हताशा को दर्शाता है।’
‘जल्द डिस्चार्ज होंगे अमित शाह’
बता दें कि अमित शाह ने बुधवार को ट्वीट किया था, ‘मुझे स्वाइन फ्लू हुआ है, जिसका उपचार चल रहा है। ईश्वर की कृपा, आप सभी के प्रेम और शुभकामनाओं से शीघ्र ही स्वस्थ हो जाऊंगा।’
इस बीच बीजेपी ने शाह की सेहत की जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ‘बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है। गुरुवार सुबह को उनके चेकअप के बाद डॉक्टरों ने कहा कि जल्द ही वह अस्पताल से डिस्चार्ज हो जाएंगे।’
इन सबके इतर आपको बता दें कि कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराने की कोशिशों को झटका लगा है।
कथित रूप से असंतुष्ट कांग्रेस विधायक आखिरी वक्त में पलट गए और पार्टी छोड़ने से इनकार कर दिया, जिससे बीजेपी का तथाकथित ऑपरेशन लोटस नाकाम हो गया है।