तिरुवनंतपुरम : पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर सोमवार को एक मंदिर में दर्शन करने के दौरान घायल हो गए। थरूर तिरुवनंतपुरम के एक मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे थे और इसी दौरान उन्हें चोट लग गई। हालांकि गनीमत यह रही कि थरूर को कोई गंभीर चोट नहीं आई है। बता दें कि कांग्रेस ने थरूर को एक बार फिर तिरुवनंतपुरम सीट से लोकसभा चुनाव में उतारा है।
अपने प्रचार अभियान से पहले थरूर एक मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान अचानक वह गिर पड़े और उनको सिर में चोट लग गई। इस घटना के बाद मंदिर में अफरातफरी के हालात हो गए। थरूर को फौरन इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक इलाज के बाद थरूर के सिर में 11 टांके लगाए गए। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत खतरे से बाहर है।
तिरुवनंतपुरम सीट से फिर लोकसभा चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कुछ दिन पहले पार्टी हाईकमान को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि स्थानीय पार्टी नेता उनके प्रचार अभियान में रुचि नहीं ले रहे हैं। यह सामने आया है कि शशि थरूर के चुनाव प्रचार में उनके निर्वाचन क्षेत्र की 23 मंडलम समितियां हिस्सा नहीं ले रही थीं। उन्होंने एक मंडलम कमिटी के अध्यक्ष का नाम भी बताया जिसने थरूर के 16 बार कॉल करने पर भी जवाब नहीं दिया।
थरूर इस बात से भी नाराज हैं कि एक विधायक और एक पूर्व विधायक जिन्हें प्रचार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने अचानक अपनी सक्रियता कम कर दी। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि कुछ मंडलम कमिटी के अध्यक्ष बीजेपी के साथ हाथ मिला चुके हैं और इस वजह से कांग्रेस कैंप का बड़ी संख्या वोट कटने की संभावना है। इस सीट से दो बार कांग्रेस के सांसद चुने गए थरूर का मुकाबला बीजेपी नेता और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल कुम्मानेम राजशेखरन और सीपीआई विधायक सी दिवाकरन से है।
कुछ मत सर्वेक्षणों में भी भविष्यवाणी की गई है कि यहां त्रिकोणीय मुकाबले में माहौल थरूर के पक्ष में बनता नजर नहीं आ रहा है। थरूर इस सीट से पहली बार 2009 में चुनाव लड़े थे। उस बार उन्हें एक लाख से तीन मत कम मिले थे, लेकिन 2014 में वह लगभग 15,000 मतों के अंतर से जीते।