नई दिल्ली : यूरोपियन यूनियन के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने इसे देश की संसद और लोकतंत्र का अपमान बताया है। पार्टी ने साथ में यह भी सवाल किया कि अगर उन्हें जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत दी जा सकती है तो विपक्ष को यही मौका क्यों नहीं दिया जा रहा। कांग्रेस के अलावा खुद बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने केंद्र के इस रुख पर हैरानी जताई है। बता दें कि यूरोपियन सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाने वाला है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘जब भारतीय नेताओं को जम्मू-कश्मीर के लोगों से मिलने से रोका जा रहा है तो सीना ठोककर राष्ट्रवाद की बात करने वाले ने क्या सोचकर यूरोपीय नेताओं को जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत दी। यह सीधे-सीधे भारत की अपनी संसद और हमारे लोकतंत्र का अपमान है।’
When Indian political leaders have been prevented from meeting the people of J&K, what possessed the great chest-beating champion of nationalism to allow European politicians to visit J&K. This is an outright insult to India’s own Parliament and our democracy! https://t.co/D48dnctRqE
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 28, 2019
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने यूरोपियन सांसदों के कश्मीर दौरे पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘यूरोपियन संसद के प्रतिनिधिमंडल के इस दौरे के 2 पहलू हैं। पहली बात यह कि किसी भी अन्य देश या उसके सदस्यों या किसी भी विदेश संसद को जम्मू-कश्मीर में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि यह भारत का आंतरिक मामला है।’
Jaiveer Shergill: Second, the nation, especially the opposition wants to know, if PMO can host EU member delegation & facilitate their visit to J&K, then why are they not extending same courtesy to opposition here? Why Centre objects to opposition leaders visiting J&K. (2/2) https://t.co/mkjkPyYR40
— ANI (@ANI) October 28, 2019
शेरगिल ने आगे कहा, ‘दूसरी बात यह है कि देश खासकर विपक्ष यह जानना चाहता है कि जब पीएमओ यूरोपियन डेलिगेशन की मेजबानी कर सकता है और उनके जम्मू-कश्मीर दौरे की व्यवस्था कर सकता है तो यही शिष्टाचार विपक्ष के साथ क्यों नहीं? केंद्र विपक्षी नेताओं के जम्मू-कश्मीर जाने पर आपत्ति क्यों करता है?’
दूसरी तरफ, बीजेपी के ही राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं हैरान हूं कि विदेश मंत्रालय ने यूरोपियन यूनियन के सांसदों को जम्मू-कश्मीर के कश्मीर क्षेत्र के निजी दौरे (ईयू का आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं) की व्यवस्था की है। यह हमारी राष्ट्रीय नीति के खिलाफ है। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह इस दौरे को रद्द करे क्योंकि यह अनैतिक है।’
I am surprised that the MEA has arranged for European Union MPs, in their private capacity [Not EU’s official delegation],to visit Kashmir area of J&K. This is a perversion of our national policy. I urge the Government cancel this visit because it is immoral.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) October 28, 2019
भारत दौरे पर आए यूरोपियन सांसदों का दल मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की यात्रा करेगा। कश्मीर को विशेष दर्जा देेने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद यह किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल की पहली कश्मीर यात्रा होगी। सोमवार को यूरोपीय सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि उम्मीद है कि आपको जम्मू-कश्मीर समेत तमाम इलाकों का दौरा करने से भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता के बारे में पता चलेगा।