नई दिल्ली | राहुल गांधी की कथित राजनीतिक जासूसी किए जाने के कांग्रेस के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए सरकार ने आज कहा कि यह प्रमुख व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए प्रोफाइल तैयार करने की एक प्रक्रिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित पूर्व प्रधानमंत्रियों और राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के बारे में भी इसी प्रकार की सुरक्षा प्रोफाइलिंग की गयी है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए आरोप लगाया कि राहुल गांधी की राजनीतिक जासूसी की जा रही है जो लोकतंत्र और संविधान के तहत प्रदत्त निजता के अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि अगर प्रोफाइल बनाने की बात है तो फिर राहुल गांधी के बारे में ये सवाल क्यों पूछे गए कि उनके जूते का नंबर क्या है और उनका जन्म चिन्ह (बर्थ मार्क) कहां हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, यह सुरक्षा का मुद्दा है और सुरक्षा के मामले को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। 1957 से देश के प्रमुख व्यक्तियों की सुरक्षा प्रोफाइलिंग की व्यवस्था चली आ रही है जिसे 1999 में संशोधित किया गया। जेटली ने कहा कि खड़गे ने यह सवाल उठाया है कि प्रोफाइल बनाने के लिए राहुल के जूते का नंबर क्यों पूछा गया। उन्होंने राजीव गांधी का नाम लिए बिना कहा कि देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के बाद उनके शव की पहचान उनके जूतों से ही हो सकी थी। उन्होंने कहा कि प्रोफाइल में जूते का नंबर, मूंछे हैं या नहीं, चप्पल पहनते हैं या जूता, अक्सर कहां कहां घूमने जाते हैं, कौन कौन अक्सर मिलने आते हैं, ये सब बातें पूछी गयी हैं जो सुनने में हास्यास्पद लग सकती हैं। लेकिन सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है।
जेटली ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित सभी प्रमुख राजनीतिकों से उनके प्रोफाइल लिए गए हैं। खड़गे पर उन्होंने आरोप लगाया कि यह कोई मुद्दा नहीं है और वह इसे जबरदस्ती मुद्दा बना रहे हैं और यह इस बात का द्योतक है कि कांग्रेस के पास उठाने के लिए मुद्दे नहीं हैं।