जाट आरक्षण पर फिलहाल रोक लगी रहेगी। यह फैसला शुक्रावर (01 सितंबर) को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने किया है। मार्च 2018 में नेशनल बैकवर्ड कमीशन हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगा। जाटों को पहले से रोक लगने की आशंका थी। उन्होंने तीन सितंबर को हरियाणा के झज्जर में रैली करने का फैसला किया है। इस रैली में हिंसा होने की संभावना है। इसलिए यह हरियाणा सरकार के लिए कठिन समय होगा।
पिछले साल फरवरी में भी ऐसा ही प्रदर्शन किया गया था। उसमें 30 लोगों की जान गई थी और 300 जख्मी हो गए थे। ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (AIJASS) जाट आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।
हरियाणा पंजाब हाईकोर्ट ने ही गुरमीत राम रहीम पर फैसला दिया था। जिसके बाद हरियाणा की कई जगहों पर हिंसा हुई थी। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई छह मार्च को की थी। फैसले को सुरक्षित रखा गया था। जस्टिस लीजा गिल की बेंच जाट आरक्षण पर फैसला सुनाएगी।
फिलहाल ये हैं प्रावधान: हरियाणा सरकार ने जाटों के साथ-साथ जट सिख, रोड़, बिश्नोई, त्यागी और मुल्ला जाट/मुस्लिम जाट को आरक्षण देने के लिए पिछडी जातियों का शेड्यूल 3 जारी किया था। इसके तहत इन जातियों को ब्लॉक सी, बीसी-सी कैटिगरी में आरक्षण का लाभ दिया गया है।
आरक्षण प्रावधान के तहत जाटों सहित इन छह जातियों को तीसरी और चौथी कैटिगरी की नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण का फायदा दिया गया। इसी तरह से पहली और दूसरी कैटिगरी की नौकरियों में इन जातियों को 6 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था।