मध्य प्रदेश में बढ़ती कानून व्यवस्था की चुनौतियों के बीच राज्य के डीजीपी वीके सिंह का अजीबो गरीब बयान आया है।
दरअसल राज्य में अपहरण के बढ़ते मामलों पर डीजीपी ने कहा कि एक नया ट्रेंड लड़कियों को मिल रही ज्यादा स्वतंत्रता के बाद देखने को मिल रहा है।
DGP ने आगे कहा कि आजकल लड़कियां स्कूल और कॉलेज जा रही हैं और उनका इंटरेक्शन लड़कों से बढ़ रहा है। ऐसे में लड़कियों का घर से चले जाने के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन रिपोर्ट किडनैपिंग की कराई जा रही है।
बता दें कि डीजीपी का यह बयान ऐसे समय आया है जब महिलाओं से संबंधित बढ़ते अपराधों पर जागरूकता के लिए वो खुद ग्वालियर-चंबल इलाके के दौरे पर हैं।
वहीं इस संबंध में राज्य के गृह मंत्री का कहना है कि पहली प्राथमिकता अपराध रोकने की है।
सरकार का स्पष्ट मानना है कि यदि किसी इलाके में कोई अपराध होता है तो उसकी जिम्मेदारी छोटे से लेकर बड़े अधिकारी तक की होगी। सरकार राज्य की जनता की हिफाजत और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि ऐसे बयान राज्य की राजधानी भोपाल में एक आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के बाद आए सामने आए हैं।
हालांकि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरों द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2016 में मध्य प्रदेश में बच्चों के खिलाफ कुल अपराधों की संख्या 6016 है।
वहीं राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी के प्रवक्ता राहुल कोठारी का कहना है कि राज्य के डीजीपी का यह बयान गैर जिम्मेदाराना उन्हें ऐसे बयानों से बचना चाहिए।
राज्य पुलिस के मुखिया होने के नाते उनकी यह जिम्मेदारी है कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर रोक लगाएं।
बता दें कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गृहमंत्री अमित शाह से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों के रोक थाम के लिए 800 करोड़ के अनुदान की मांग की है।