नागपुर [ TNN ] इतिहास में पहली बार दूरदर्शन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के सालाना विजयादशमी कार्यक्रम में दिए जाने वाले भाषण का नागपुर से लाइव प्रसारण किया। दूरदर्शन के इस कदम और भाषण की विषयवस्तु से विवाद खड़ा हो गया है।
गौरतलब है कि आरएसएस की विजयादशमी रैली का टीवी पर कभी लाइव प्रसारण नहीं किया गया। यहां तक कि अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल वाले एनडीए-1 के दौरान भी ऎसा नहीं हुआ था। अपने भाषण में मोहन भागवत ने संघ के विजन, देश की स्थिति और सरकार से उम्मीदों का जिक्र किया। विजयादशमी के भाषण को आरएसएस कैडर के लिए मार्गदर्शन माना जाता है। इस साल आरएसएस की स्थापना के 90 साल पूरे हो रहे हैं, इसकी स्थापना 1925 में नागपुर में हुई थी।
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद यह पहली विजयादशमी रैली है। लोकसभा चुनावों के दौरान आरएसएस ने भाजपा को वोट देने की अपील की थी। हालांकि आरएसएस खुद को राजनीतिक के बजाय सामाजिक संगठन बताता है।
दूरदर्शन के प्रसारण का विरोध शुरू हो गया है। इतिहासकार रामचन्द्र गुहा ने ट्वीट कर विरोध जताया। उन्होंने कहा, आरएसएस एक सांप्रदायिक हिन्दू संगठन है। अगली बार मस्जिद के इमाम और चर्च के पादरी भी लाइव प्रसारण की बात करेंगे। मुझे उम्मीद है कि दूरदर्शन के इस कदम के खिलाफ जनहित याचिका दायर की जाएगी।