लखनऊ – गोरखपुर की मोहद्दीपुर हाईडिल कॉलोनी में धर्मांतरण कराए जाने का मामला तूल पकड़ गया है। मंगलवार को धर्मांतरण का आरोप लगाकर हिंदू संगठनों के लोगों ने दो पादरी और ननों को पकड़ पुलिस के हवाले किया था।
बुधवार को हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने धर्मांतरण करने वाले करीब सौ लोगों की घर वापसी करा दी। मंत्रोच्चार के बीच पुरोहित ने गंगा जल छिड़क कर तुलसी का अर्पण कर हनुमान चालीसा का पाठ कराया। इसके साथ ही सबकी घर वापसी कराई गई। सभी ने संकल्प लिया कि अब वह लोग लालच में इस तरह का कार्य नहीं करेंगे।
हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश महामंत्री राम लक्ष्मण एवं रामभुआल कुशवाहा ने कहा कि धर्मांतरण एक सामाजिक अभिशाप है। इसे कराने और प्रश्रय देने वालों को हिंदू युवा वाहिनी बर्दाश्त नहीं करेगी। पादरी ने जिन सौ के करीब लोगों का धर्मांतरण कराया गया था उनकी घर वापसी करा दी गई है। भविष्य में इस तरह का कृत्य करने वालों से हिंदू युवा वाहिनी सख्ती से निपटेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने धर्मांतरण किया था उन्हें पचास हजार नगद और एक घर देने का वादा किया गया था। इतना ही नहीं उनके बच्चों को अच्छे विद्यालय में पढ़ाकर विदेश भेजने की बात कही गई थी। इस तरह से झांसा देकर गरीबों का धर्मांतरण कराया गया।
हियुवा नेताओं ने घर वापसी के बाद लोगों को समझाते हुए कहा कि यदि वे लोग धर्मांतरण कर लेते तो उनका अनुसूचित जाति का दर्जा समाप्त हो जाता। उन्हें सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाएं समाप्त हो जातीं। हिंदू युवा वाहिनी उनकी हर तरह की मदद करेगी। साथ ही धर्मांतरण कराने वाले के खिलाफ अभियान भी चलाएगी।
मोहद्दीपुर, हाईडिल कॉलोनी में मंगलवार को धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाकर पादरी और ननों को पकड़ कर हिंदू जागरण मंच के लोगों ने पुलिस के हवाले किया था। पूछताछ के बाद पुलिस ने सभी को निजी मुचलके पर छोड़ दिया है। पुलिस का कहना है कि उनके पास से ऐसा कोई सामान बरामद नहीं हुआ जिससे धर्म परिवर्तन कराने संबंधित साक्ष्य मिलते। मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
हिंदू जागरण मंच के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष राजा त्रिपाठी ने मंगलवार को दो पादरी और दो ननों को पकड़ा था। उनका आरोप था कि यह लोग धर्म परिवर्तन करा रहे थे। चारों को पुलिस को सौंप दिया गया था। राजा त्रिपाठी ने अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी थी। पुलिस ने अज्ञात में मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पादरी और ननों के पास पढ़ाई की किताबें और कॉपियां मिलीं थीं।
एसएसपी प्रदीप कुमार ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। पकड़े गए पादरी और नन के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया है। पूरे मामले की जांच इंस्पेक्टर कैंट कर रहे हैं।