नई दिल्ली – सहकारी बैंक अब गोल्ड लोन बुलेट रीपेमेंट स्कीम के तहत 2 लाख रुपये तक कर्ज दे सकेंगे। रिजर्व बैंक ने इस स्कीम के तहत कर्ज की राशि को दोगुना कर दिया है। पहले सभी राज्य और केंद्र सरकार के सहकारी बैंक को 1 लाख रुपये तक का गोल्ड लोन देने की अनुमति थी।
आरबीआई की अधिसूचना में कहा गया है कि समीक्षा के बाद फैसला किया गया है कि स्कीम के तहत दिए जा सकने वाले कर्ज की राशि 1 लाख रुपये से बढ़ा कर 2 लाख रुपये की जाए। कर्ज की अवधि कर्ज मंजूर होने की तिथि से 12 माह से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
राज्य और केन्द्र के बैंक कई कामों के लिए गोल्ड लोन की सहायता देते हैं, जो उनकी कर्ज देनी की पॉलिसी में होता है। इस पर ब्याज हर महीने के हिसाब से लगेगा, लेकिन इसका भुगतान मूल राशि के साथ कर्ज की अवधि (12 महीने) समाप्त होने पर करना होगा।
बुलेट रिपेमेट स्कीम के तहत बैंकों को लोन पर लोन टू वैल्यू रेशियो 75 फीसदी रखना होता है। अगर बैंक इस लोन टू वैल्यू रेशियो को नहीं बनाए रख पाता है तो इसे गैर निष्पादित-परिसंपत्तियां (एनपीए) के तौर पर लिया जाएगा।