मुंबई – देश में राजनीतिक अनिश्चितता, रुपये में जारी गिरावट को रोकने का प्रयास और अमेरिकी डॉलर में मजबूती की वजह से देश के विदेशी पूंजी भंडार (फॉरेक्स) में 1.90 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज हुई है। इस दौरान छह नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी पूंजी भंडार 1.90 अरब डॉलर घटकर 351.73 अरब डॉलर हो गया है।
कोटक सिक्युरोटिज में करेंसी डेरिवेटिव के सहायक उपाध्यक्ष अनिंद्य बनर्जी ने कहा, “विदेशी पूंजी भंडार में यह गिरावट आरबीआई द्वारा भारतीय रुपये की गिरावट को थामने की वजह से हुई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाए जाने की प्रबल संभावनाओं की वजह से अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ है, जिस कारण से रुपये की गिरावट को थामने की जरूरत है।”
बनर्जी के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 65-67 के बीच किसी भी दायरे में होने से आरबीआई सहज है। इस दायरे से रुपया कम या अधिक होने पर आरबीआई को डॉलर की खरीदारी या बिकवाली कर हस्तक्षेप करना पड़ता है।
देश का विदेशी पूंजी भंडार 30 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में 2.09 अरब डॉलर बढ़कर 353.63 अरब डॉलर रहा है। इस समीक्षाधीन अवधि में रुपये में गिरावट रही है।
नेशनल सिक्युरोटिज डिपॉजिटरी लि. (एनएसडीएल) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, छह नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 2,455.83 करोड़ रुपये यानी 37.63 करोड़ डॉलर के शेयर बेचे।
स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने 1,462.05 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रुपये में जारी इस गिरावट को रोकने का प्रयास कर रहा है। इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।