नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना के लिए 18 जून यानी आज का दिन ऐतिहासिक है और इस उपलब्धि में राजस्थान, मध्यप्रदेश और बिहार भी भागीदार बनेगा। मौका होगा इंडियन एयरफोर्स की तीन महिला लड़ाकू विमान पायलट को कमीशन देने का।
इंडियन एयरफोर्स की तीन महिला लड़ाकू विमान पायलटों को कमिशन दे दी गई। हैदराबाद स्थित एयरफोर्स एकेडमी में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की मौजूदगी में तीनों महिला फाइटर पायलट्स की पासिंग आऊट परेड हुई।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि राजस्थान के झुंझुनूं की मोहना सिंह, बिहार के दरभंगा की भावना काथ और मध्यप्रदेश के सतना की अवनी चतुर्वेदी को भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान उड़ाने का दायित्व मिलेगा।
उन्होंने मार्च में ही लड़ाकू विमान उड़ाने की योग्यता हासिल कर ली थी। इसके बाद उन्हें युद्धक विमान उड़ाने का गहन प्रशिक्षण दिया गया। यह पहला मौका होगा, जब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान की कॉकपिट में कोई महिला बैठेगी। वायुसेना में करीब 1500 महिलाएं हैं जो अलग-अलग विभागों में काम कर रही हैं। 1991 से ही महिलाएं हेलीकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ा रही हैं, लेकिन फाइटर प्लेन से उन्हें दूर रखा जाता था।
भारतीय वायुसेना के लिए नया इतिहास रचने वाली भारत की यह इन तीन बेटियां
अवनी चतुर्वेदी (रीवा, मध्यप्रदेश)
मध्यप्रदेश के रीवा की अवनी चतुर्वेदी भी बतौर फाइटर पायलट कमीशन लेने वालों की लिस्ट में शामिल हैं। उनके पिता इंजीनियर और भाई आर्मी में हैं। कहीं न कहीं वह भारतीय सेना के अधिकारियों की जिंदगी से प्रेरित हैं।
राजस्थान की वनस्थली यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने वाली अवनी चतुर्वेदी का कहना है कि यह एक बहुत ही रोमांचक और चुनौतीपूर्ण जिंदगी है। वह बचपन से ही अपनी जिंदगी में कुछ अलग करना चाहती थीं। आज अवनी चतुर्वेदी के इस मुकाम तक पहुंचने पर सिर्फ उनका परिवार नहीं बल्कि पूरा प्रदेश गर्व महसूस कर रहा है। अवनी का कहना है कि उनका सपना बढ़िया फाइटर पायलट बनने का है, जिससे लाइव ऑपरेशन के दौरान उड़ान भरने की जिम्मेदारी सीनियर भरोसे के साथ उन्हें दे सकें। वह अपनी लाइफ में किसी खतरे से नहीं घबराती हैं।
भावना कांत (बेगूसराय, बिहार)
बिहार की बेटी भावना कांत से, जिन्हें आज के दिन का इंतजार बेसब्री से था। आखिर हो भी क्यों ना, जब भावना को इसी दिन पासिंग आउट परेड में बतौर फाइटर पायलट कमीशन के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इनकी अभी हैदराबाद में ट्रेनिंग चल रही है।
बिहार के बेगूसराय जिले की रहने वाली भावना के इस मुकाम तक पहुचंने से पूरा बिहार गर्व महसूस कर रहा है। उनका कहना है कि बचपन से उनकी ख्वाहिश चिड़ियों की तरह आसमान में उड़ने की थी जो अब सफल हो रही है। उनकी जिंदगी में भी कई बार उतार-चढ़ाव आए, लेकिन वह हर चीज को नजरअंदाज कर आगे ही बढ़ती रहीं। उनका लक्ष्य सिर्फ अपने सपने को पूरा करना है। बेंगलुरु के बीएमएस कॉलेज से इंजीनियरिंग करने वाली भावना को फोटोग्राफी, स्वीमिंग और ट्रैवलिंग का बेहद शौक है।
मोहना सिंह (झुंझुनूं, राजस्थान)
मोहना सिंह की खुशी का भी ठिकाना नहीं है। उनका कहना है हाल ही में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जब उनको महिला फाइटर पाइलट के लिए घोषित किया गया, उस वक्त उन्हें सबसे बड़ी खुशी मिली। वह इन दिनों दुश्मनों पर कहर बरपाने की ट्रेनिंग ले रहीं हैं। उनका कहना है कि वह बचपन से ही अपने पापा की तरह देश की सेवा करना चाहती थी।
राजस्थान के झुंझुनूं की रहने वाली मोहना सिंह के पिता एयरफोर्स में और मां टीचर हैं। उनका कहना है उन्हें पुरुषों की तुलना में कहीं कोई छूट नहीं मिली है। फिजिकल फिटनेस या मेंटल रोबस्टनेस और टेस्ट्स सभी सेम प्रॉसेस में पास करने थे, लेकिन वह पीछे नहीं हटी। यही वजह है कि वह अपने मुकाम पर पहुंच सकीं। इन्होंने अमृतसर के जीआईएमईटी से इलेक्ट्रानिक स्ट्रीम से बीटेक किया हुआ है। मोहना ने अपने बायोडाटा में कहा कि मैं पिता और दादा की विरासत आगे बढ़ा रही हूं। ये बहुत खास है, पर इसे दिमाग पर चढ़ने नहीं दे रही।