नई दिल्ली – 2004 से 2014 के अलग-अलग हलफनामों में अपनी पढ़ाई-लिखाई को लेकर गलत जानकारी देने के मामले में केंद्रीय मानव विकास संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं।
कानूनी मुश्किलों में घिरी स्मृति ईरानी को पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को झटका दिया है। कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को आदेश दिया कि स्मृति ईरानी की ग्रेजुएशन की डिग्री के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएं। वहीं, चुनाव आयोग से भी कहा कि वह इस मामले में हलफनामा दें।
यहां पर याद दिला दें कि कोर्ट ने मामले को सुनवाई योग्य माना था। दरअसल शिकायत के मुताबिक अलग-अलग हलफनामों में स्मृति ईरानी ने अपनी शिक्षा को लेकर अलग-अलग जानकारियां दी हैं।
2004 के लोकसभा चुनावों में परचा भरते वक्त बताया कि 1996 में उन्होंने डीयू से पत्राचार के जरिये बीए किया है। 2011 में राज्यसभा चुनावों में परचा भरते वक़्त बताया कि 1994 में डीयू के पत्राचार विद्यालय से बीकॉम पार्ट वन किया है, जबकि 2014 में अमेठी से लोकसभा चुनाव का पर्चा भरते हुए जानकारी दी कि डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से 1994 में उन्होंने बीकॉम पार्ट-वन किया है।
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