बुरहानपुर [TNN ] कहते हैं जब तक आप के पास धन दौलत है तब तक पराए भी अपने होते हैं, दुनिया आपको सलाम करती है। लेकिन जब आपके पास पैसा नहीं हो तो ऐसे समय में अपने भी साथ छोड जाते हैं। ऐसा ही कुछ देश के मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की बहन मीना कुरैशी के साथ हुआ है। मीना कुरैशी आज गंभीर बीमारी में जिंदगी और मौत के साथ संघर्ष कर रही है। मीना का इलाज बुरहानपुर जिले के नेपानगर के चंद अंजान लोग आपस में चंदा कर करवा रहे हैं।
मीना को टीबी की बीमारी है और वह थर्ड स्टेज पर है। माता पिता के मौत के बाद घरबार तक गंवा बैठी मीना को मुंबई में सहारा न मिलने पर नेपानगर में उसके मुंहबोले भाई ने सहारा दिया है।
मुंबई माया नगरी और फिल्मी दुनिया की चकाचोंध में जन्मी और पली बढी मीना ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसे एक अनजान नगर और गुमनामी में अपनों से दूर पल पल जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करना पडेगा। ये वह मीना कुरैशी हैं जो दुनिया के जाने माने तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की बहन हैं। इन दिनों मीना मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के नेपानगर में एक छोटे से कमरे में टीबी की बीमारी के थर्ड स्टेज में जिंदगी और मौत से जूझ रही हैं।
जिसका इलाज उसका मुंहबोला भाई अपने चंद दोस्तों के साथ आपस में चंदा कर करवा रहा है। बीमारी और मुफलिसी के दौर में जब उसके अपने रिश्ते दारों ने मुंह मोड लिया तो नेपानगर के अरविंद बोरकर उसे नेपानगर ले आए। हमारे संवाददाता ने मीना से बात की और उसकी इस स्थिती के बारे में जानने की कोशिश की।
बीमारी के चलते मीना ठीक से बैठ पाती है उसका हर काम अरविंद और उसके दोस्त ही करते हैं। दवाईयों से लेकर पानी तक उन्हें पिलाना पडता है।
मीना कुरैशी का संक्षिप्त परिचय- मीना देश के म शहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन चचेरी बहन और उस्ताद अल्ला रख्खा खान के छोटे भाई सादिक अली कुरैशी की इकलौटी बेटी हैं। मीना के पिता सादिक अली कुरैशी भी फिल्म म्यूजिशियन थे। उनकी मां उस जमाने की मशहूर रेडियो सिंगर स्थेर पाथरे, शकुंतला कुरैशी थी। पिता मुस्लिम और मां क्रिश्चियन न समाज की थी। दोनों ही अपने अपने धर्म को मानते। मीना अपने मां बाप की इकलौती संतान होने के कारण बडे ही लाड प्यार से पली। सादिक अली और अल्लारख्खा खान दोनों भाईयों और परिवार में काफी मेल जोल था। उस्ताद जाकिर हुसैन भी मीना को काफी चाहते थे।
अल्लारख्खा खान का देहान्त सन् 2000 में हुआ। उसके एक साल बाद ही मीना के पिता सादिक अली भी 2001 में दुनिया से रूखसत हो गए। पति के जाने का गम और बीमारी के चलते शकुंतला कुरैशी भी 2006 में मीना को अकेला छोड गई। मां की बीमारी के लिए कर्ज ने मीना से उसका घर बार भी छीन लिया। मां बाप की सेवा के चलते मीना ने शादी तक नहीं की।
आर्थिक स्थिती खराब होते ही रिश्तेदारों और अपनों ने भी साथ छोड दिया। उसके बाद से ही मीना दर दर भटक रही है। उस पर बीमारी ने उसे मौत के करीब ला खडा कर दिया है। बीमारी की हालत में जब मीना को नेपानगर लाया गया तब उसकी हालत और भी नाजुक थी।
मीना की देखभाल कर रहे अरविंद ने जाकिर हुसैन से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। उस्ताद जाकिर हुसैन फिलहाल अमेरिका के कैलिफोर्निया में हैं। अरविंद ने फिल्मी दुनिया के कई लोगों को भी मेल किया लेकिन कोई रिप्लाए नहीं आया।
मीना को अब भी उम्मीद है कि खबर लगते ही उसका भाई जाकिर उससे मिलने जरूर आएगा। मीना के साथ ही हम भी उम्मीद कर सकते हैं की उसकी मदद के लिए कई हाथ आगे जरूर आएगें।
[रिपोर्ट :शेख शहाबुद्दीन बुरहानपुर]