गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने का प्रस्ताव उत्तराखंड विधानसभा में पास हो गया है। ऐसा करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना है।
विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन राज्य मंत्री रेखा आर्या की ओर से सदन में सर्वसम्मति से गाय को राष्ट्र माता घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। सदन पटल पर रखे गए इस प्रस्ताव का सत्ता पक्ष के साथ विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने भी समर्थन किया। इसी के साथ उत्तराखंड गाय को राष्ट्र माता का दर्जा देने वाला पहला राज्य बन गया है।
सरकार की तरफ से यह प्रस्ताव पशुपालन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या लेकर आई। चर्चा में उन्होंने कहा कि गाय को राष्ट्र माता घोषित किया जाना चाहिए। गाय हिंदुओं के लिए मां का स्वरूप होती है।
उन्होंने कहा कि देश के करोड़ों लोगों की भावनाएं गो माता से जुड़ी हैं। शास्त्रों में उल्लेख है कि गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास है। वैज्ञानिकों ने भी इस बात को माना कि गाय ऑक्सीजन लेने के साथ छोड़ती भी है।
गाय के दूध की पौष्टिकता और गुणवत्ता का कोई मुकाबला नहीं है। गो-मूत्र से तमाम तरह के उत्पाद भी तैयार किए जा रहे हैं। भगवान के प्रसाद के चरणामृत में भी गो के दूध का इस्तेमाल होता है लेकिन आज तक गाय को राष्ट्र माता का दर्जा नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में महिलाएं गो माता को पालकर अपना जीवन यापन करती हैं। वर्तमान सरकार द्वारा महिलाओं को गो पालन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
सदन के माध्यम से केंद्र सरकार से गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने का अनुरोध किया जाएगा। वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि हम सब गाय को गो माता मानते हैं।
लेकिन सरकार गाय को राष्ट्र माता घोषित कर क्या संदेश देना चाहती है। सरकार ने गो माता की रक्षा के लिए अब तक क्या किया।
विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश में गो संरक्षण के लिए कानून है। लेकिन यह कानून दिखाई नहीं दे रहा है। विधायक देशराज कर्णवाल, संजय गुप्ता, विनोद चमोली ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।