नई दिल्ली- फर्जी गौरक्षकों के खिलाफ हुई सख्ती के बीच बीजेपी ने अपने ‘गौवंश विकास प्रकोष्ठ’ को खत्म कर दिया है। बीजेपी ने करीब 6 साल पहले गौवंश को लेकर जागरुकता फैलाने के मकसद से यह प्रकोष्ठ बनाया था। पार्टी का यह फैसला नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने ‘फर्जी गौरक्षकों’ को लताड़ लगाई थी।
अब बीजेपी ने नेशनल लेवल पर यह प्रकोष्ठ नहीं बनाने का फैसला किया है। पार्टी की उत्तर प्रदेश यूनिट ने भी यही फैसला लिया है। बीजेपी के केंद्रीय और राज्य स्तर पर करीब 40 अलग-अलग प्रकोष्ठ हैं जिसमें से गौवंश विकास प्रकोष्ठ भी एक था।
बीजेपी के एक नेता ने बताया, ‘राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रकोष्ठों की संख्या घटाकर 12 कर दी है और राज्य इकाई को पांच और नए प्रकोष्ठ बनाने के लिए कहा गया है। ये प्रकोष्ठ स्थानीय जरूरतों के हिसाब से बनाए जाएंगे।’
तो क्या भविष्य में बनाई जाएगी यह सेल?
तो क्या भविष्य में बनाई जाएगी यह सेल?
बीजेपी नेता ने बताया, ‘स्टेट यूनिट ने 17 प्रकोष्ठों की घोषणा की है लेकिन उनमें गौवंश विकास प्रकोष्ठ नहीं है।’ जो 17 प्रकोष्ठ बनाए गए हैं उनमें लॉ, मेडिकल, कॉपरेटिव, एक्स सर्विसमैन, बुनकर, अध्यापक, व्यापार, स्थानीय निकाय और लघु उद्यम आदि सेक्टर हैं।
खत्म किए जाने से पहले गौ वंश विकास प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक हृदयनाथ सिंह ने बताया कि प्रकोष्ठ 2015 तक सक्रिय था लेकिन अब पार्टी ने इसे भविष्य में न बनाने का फैसला किया है। संघ की पृष्ठभूमि के सिंह ने बताया, ‘प्रकोष्ठ का काम गाय के महत्व को लोगों को बताना था। लोगों को गाय पालने के लिए प्रोत्साहित करना और उसके दूध , वंश के महत्व के बारे में लोगों का समझाना था।’हालांकि बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि प्रकोष्ठ को भविष्य में केंद्रीय स्तर पर बनाया जा सकता है। [एजेंसी]