गुजरात सरकार ने गौहत्या के खिलाफ सबसे कठोर कानून को राज्य में लागू कर दिया है। इस कानून के लागू होने के बाद अब राज्य में गौहत्या के दोषी को अधिकतम उम्र कैद की सजा दी जाएगी। बता दें कि राज्य सरकार ने गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) बिल 2017 मार्च में सदन में पास किया था।
जिसकी मंजूरी के लिए बाद में इसे गवर्नर के पास भेज दिया गया था। गुजरात में लागू हुए इस नए कानून के तहत वर्तमान में 7 साल की सजा को 14 साल तक कर दिया गया है। हालांकि सात साल की सजा के प्रावधान से हटाया नहीं गया है। नए कानून में किसी शख्स के गौहत्या में दोषी पाए जाने पर सजा के साथ भारी जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है जिसके अंतर्गत दोषी को पांच लाख रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
सूत्रों के अनुसार इस नए कानून को दक्षिणपंथी समुदाय को खुश करने और 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले हिंदू वोटों को मजबूत करने के रूप में देखा जा रहा है। मामले में गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिन जडेजा का कहना है कि हमने पहले सिर्फ कानून लागू नहीं किया था।
लेकिन अब नियम बनाकर कानून को औपचारिक रूप से लागू किया गया है। जडेजा ने आगे कहा कि अब राज्य में गौहत्या की कोशिश करने के आरोपी को भी उम्रकैद की सजा दी सकती है। उन्होंने आगे कहा कि हम इस मामले में राज्य के किसी भी पुलिसवाले की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने गौहत्या को इंसान की हत्या के खिलाफ माना है।
जानकारी के लिए बता दें कि नए कानून में हत्या के इरादे से अवैध तरीके से गायों की तस्करी करते हुए पकड़े जाने पर सजा का प्रावधान सात साल से बढ़ाकर दस साल तक कर दिया है।
वर्तमान में ये सजा तीन से सात साल तक है। जबकि इस मामले में जुर्माने की राशि को 50 हजार से बढ़ाकर 11 लाख तक कर दिया है। दूसरी अवैध रूप से गौतस्करी करने वाले वाहन को प्रतिबंधित करने का भी प्रावधान इस बिल में रखा गया है। इससे पहले पुलिस को एफआईआर दर्ज होने के 6 महीने बाद जब्त किए वाहन को छोड़ना पड़ता था। दूसरी तरफ राज्य में गाय ले जाने पर भी बैन लगा दिया गया है।