नई दिल्ली: कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) ने गुरुवार को उन सभी अफवाहों को गलत करार दिया है जिनमें कहा जा रहा था कि, बेगूसराय लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार कन्हैया कुमार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समर्थन नहीं दे रही है। बता दें कि जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ पुलिस ने हाल ही में तीन साल पुराने एक मामले में चार्जशीट दाखिल की है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि, चार्जशीट दाखिल होने बावजूद भी कन्हैया कुमार बेगूसराय से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़गे।
सीपीआई के मुताबिक, पार्टी राजद के प्रमुख लालू प्रसाद के संपर्क में हैं। जल्द ही वह रांची की जेल में लालू यादव से मुलाकात करेंगे। बिहार की राजनीति की ताजा स्थिति को देखते हुए दोनों पार्टियां आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग के मुद्दे पर चर्चा करेंगी। सूत्रों के अनुसार, वामपंथी दल राजद के साथ तीन सीटों को अंतिम रूप देने के लिए जबरदस्त मोलभाव कर रहे हैं। जिसमें बेगूसराय से सीपीआई के कन्हैया कुमार और सीपीआई-एम (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-मार्क्सवादी) राम देव वर्मा उजीरपुर से महागठबंधन उम्मीदवार के रूप में शामिल हैं। राम देव वर्मा विभूतिपुर विधानसभा सीट से चार बार के विधायक हैं।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने सोमवार को 9 फरवरी 2016 में जेएनयू कैंपस में अफजल गुरु और मकबूल भट्ट के फांसी के विरोध में एक प्रोग्राम आयोजित करने और देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है। पुलिस ने उस वक़्त दिल्ली के बसंत कुंज नार्थ थाने में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, और अनिबर्न भट्टाचार्य के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया था। जिसके बाद सभी आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी थी।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, इस पूरे घटना घटनाक्रम के बाद कन्हैया कुमार को लेकर राजद के रुख में बदलाव देखने को मिला है। चार्जशीट के बाद से अब राजद, कन्हैया कुमार की बेगुसराय से दावेदारी पर फिर से विचार करने लगा है और माना जा रहा है कि इस वजह से उनके हारने की संभावना बन रही है। राजद का मानना है कि वह बेगूसराय की सीट पर ज्यादा मजबूत है, इसलिए यह सीट किसी और को देने का सवाल ही नहीं उठता। इस आधार पर राजद कन्हैया के लिए बेगूसराय छोड़ने के मूड में नहीं है।