सिडनी – सिडनी में चल रहे दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 7 विकेट पर 328 रन बनाए।
शुरुआती झटका देने के बाद टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाया लेकिन स्टीवन स्मिथ (105) और एरोन फिंच (81) की जोड़ी ने जल्दी ही अपनी टीम की फॉर्म वापसी कराई। दोनों बल्लेबाजों ने शतकीय साझेदारी कर टीम इंडिया की मुश्किले बढाई। स्मिथ ने शतक लगाया, वहीं फिंच शतक से चूके।
वहीं, टीम इंडिया की ओर से तेज गेंदबाज उमेश यादव ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट झटके। वहीं मोहित शर्मा को दो जबकि आर अश्विन को एक सफलता मिली।
इस मैच में एक ओर टीम इंडिया जहां अपना चौथा फाइनल (1983, 2003 और 2011) खेलने के इरादे के साथ ऑस्ट्रेलिया को चुनौती देने उतरी है तो वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रेलियाई टीम भी वर्ल्ड कप के अपने पिछले शानदार रिकॉर्ड को बनाए रखना चाहेगी। ऑस्ट्रेलिया ने रिकॉर्ड 4 बार खिताब पर कब्जा जमाया है। सबसे पहले उसने 1987 में जीता, फिर इसके बाद वह 1999, 2003 और 2007 में खिताबी जीत की हैट्रिक लगाई थी।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। पहली ही ओवर में मोहम्मद शमी ने पगबाधा की जोरदार अपील की लेकिन वॉर्नर आउट होने से बच गए। हालांकि वह ज्यादा देर तक क्रीज पर डटे नहीं रह सके और चौथे ओवर की पहली गेंद पर उमेश यादव ने वॉर्नर (12) को कवर में विराट कोहली के हाथों कैच आउट कराया।
उमेश ने पिछले कई मौकों पर टीम इंडिया को शुरुआती सफलता दिलाई है और सेमीफाइनल में भी वह कामयाब रहे। वॉर्नर जब आउट हुए तब टीम के खाते में महज 15 रन ही जुडे थे। हालांकि उन्होंने आउट होने से पहले उमेश के पिछले ओवर की अंतिम गेंद पर छक्का जड़ा था।
उनके जाने के बाद फिंच का साथ देने स्टीवन स्मिथ क्रीज पर आए और कंगारू पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने टीम को सौ के पार पहुंचाया। वर्ल्ड कप से पहले टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया को खूब परेशान करने वाले स्टीवन स्मिथ ने आज भी गेंदबाजों को खूब छकाया और फिंच से पहले ही अपनी फिफ्टी 53 गेंदों में जड़ दी। इसके बाद इस साझेदारी ने शतक लगाया। फिर टूर्नामेंट में नाकाम रहे फिंच ने भी लय हासिल करते हुए 82 गेंदों में अर्धशतक ठोंक दिया। स्मिथ के बाद एरोन फिंच ने भी अपने पचास रन पूरे कर लिए है।
33वें ओवर में मोहम्मद शमी की गेंद पर पहले छक्का और फिर चौका लगाकर स्मिथ ने अपना शतक पूरा किया। धोनी ने इस जोड़ी को तोड़ने की काफी कोशिश की लेकिन उन्हें 34 ओवर तक तक कोई सफलता नहीं मिली। 35वें ओवर ने धोनी ने उमेश को गेंदबाजी कीर कमान सौंपी और पहली ही गेंद पर उमेश ने स्टीवन स्मिथ को (105) को आउट कर अपनी टीम को दूसरी सफलता दिलाई। स्मिथ के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के तूफानी बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल बल्लेबाजी करने उतरे। आते ही मैक्सवेल ने तेज खेलना शुरू किया लेकिन 38वें ओवर में आर अश्विन ने आकर मैक्सवेल (23) को आउट कर टीम को तीसरा विकेट दिलाया।
अगले ओवर में उमेश ने एरोन फिंच (81) को आउट कर ऑस्ट्रेलिया को चौथा झटका दिया। वर्ल्ड कप में फॉर्म को लेकर जूझ रहे ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क (10) मोहित शर्मा ने आउट कर पांचवीं सफलता दिलाई। फिर उमेश और मोहित ने एक-एक विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को सात झटके दिए। 49वें ओवर में ऑस्ट्रेलिया ने 300 रन पूरे किए।
कंगारू टीम के नाम एक दिलचस्प रिकॉर्ड यह दर्ज है कि वह जब भी सेमीफाइनल में पहुंची, वह फाइनल में पहुंचने में सफल रही है। उसने अपना पहला सेमीफाइनल 1975 में खेला और फाइनल में पहुंची, लेकिन वहां उसे पहली खिताबी जंग में हार मिली। इसके बाद वह 1987, 1996, 1999, 2003 और 2007 के सेमीफाइनल में पहुंची और यहां से फिर फाइनल तक का रास्ता तय किया।
1975 के बाद ऑस्ट्रेलिया अब अपना छठा सेमीफाइनल मैच खेलने उतरा है। इस तरह से कंगारू टीम ने अब तक कुल 6 सेमीफाइनल खेलकर फाइनल तक का रास्ता बनाया जिसमें 4 बार खिताब भी जीता। 1975 में वेस्टइंडीज के हाथों खिताबी हार के बाद उसे सिर्फ 1996 में श्रीलंका ही फाइनल में हरा सकी थी।
अब भारत के पास ऑस्ट्रेलिया के अजेय सेमीफाइनल मुकाबले के रथ को अपने लगातार 12 जीत के अजेय रथ से रोकना होगा। अगर वह कंगारुओं को सेमीफाइनल में रोककर इतिहास रचना चाहेगी।