अमेठी- भारत में स्कूलों को ज्ञान का मंदिर समझा जाता है और शिक्षक को इस मन्दिर का देवता, बच्चों के वर्तमान और भविष्य गढ़ने का केन्द्र भी स्कूल को ही माना जाता है। लेकिन अब अमेठी में न तो छात्र सुरक्षित हैं और न ही शिक्षक। रातों रात पैसा बनाने की चाह में अपराधी अब बच्चों और शिक्षकों धमकाने का सहारा ले रहे हैं।
पिछले कुछ सालों में अमेठी में बच्चों के अपहरण की घटनाएं बढ़ी हैं। फिरौती के लालच में शिक्षकों को धमकी और बच्चों के अपहरण की बढ़ती वारदात से अभिभावक सहम गए हैं। फिल्मी चकाचौंध को देखकर यहां के लोगों में भी भौतिक सुख-सुविधाओं की चाह बढ़ रही है, जिसकी वजह से शहर में अपराध का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा है। अपराधी बच्चों का अपहरण कर फिरौती के जरिए अमीर बनने की कोशिशें करने लगे हैं। ऐसे मामले आए दिन सामने आ रहे हैं-
शिक्षक से फिरौती की माँग-
मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के कस्बा नगर निवासी शिक्षक वीर पाल सिंह और उनके परिवार को अज्ञात अपराधियों ने मोबाइल पर जान से मारने की धमकी दी है। शिक्षक वीर पाल सिंह ने मुसाफिरखाना कोतवाली में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया है।
एएच इंटर कालेज में सहायक पद पर तैनात शिक्षक वीरपाल सिंह को बीते 18 दिसंबर से मोबाइल पर धमकी मिल रही है। जिसमें उनसे डेढ़ लाख रुपये की फ़िरौती मांगी जा रही है। ऐसा न करने पर उन्हें व उनके परिवार को जान से मार की धमकी दी जा रहा रही है। यह फोन उन्हें कई बार आ चुका है।
कोतवाल आरके सिंह ने बताया कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। पुलिस सर्विलास के सहारे इस मामले की सच्चाई जानने के प्रयास में है। गौरतलब है कि दो दिन पूर्व धमकी के बाद से शिक्षक और शिक्षक का परिवार काफी सहमा हुआ है।
अपहरत छात्र की बची जान-
गौरीगंज का कक्षा दो का छात्र श्रेयांश सिंह रोज़ की तरह मंगलवार को सुबह स्कूल के लिए निकला था। लेकिन रास्ते से ही वो किड्नैप हो गया। मां के मोबाइल पर फोन आया कि ”तुम्हारा बेटा हमारी पास है जिंदा चाहती हो तो 10 लाख दो” !
मामला पुलिस तक पहुँचा। अमेठी पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने सभी विंगों को एक साथ मिलकर शीघ्रता से बच्चे की जान बचाने के साथ ही अपहरण करने वालों को पकड़ने का आदेश दिया। पुलिस ने सतकर्ता और समय रहते बच्चे के साथ तीनों अपहरणकर्ता को अपनी पकड़ में ले लिया। त्वरित कार्यवाही और पुलिसिया सूझ बूझ के चलते एक बहुत बड़ी अनहोनी टल गयी ।
अपराधों से थर्राया ये अमेठी आज अपराध की हर किस्म से त्रस्त है। कभी देश की आजादी और अमन चैन के लिए सबसे आगे रहने वाला यह जनपद आज अपराधियों के आगोश में है। जिसको देख पुलिस के भी हाथ पांव फूल चुके हैं। वह भी इसी असमंजस में है कि किस तरह इन अपराधियों की नाक में नकेल डाली जाये। एक तरफ कोशिश करती हुई पुलिस की स्थिति ये है कि जब वह एक अपराध को सुलझाने की कोशिश करती है। इतने दूसरा घटित हो जाता है और फिर तीसरा और चौथा अंततागत्वा कहीं ये संख्या थमती सी नज़र नहीं आ रही ।
रिपोर्ट- @राम मिश्रा