जेएनयू छात्रा और पूर्व छात्र संघ लीडर शहला राशिद कश्मीर पर किए गए विवादित ट्वीट के बाद लगातार घिरती नजर आ रही हैं।
सेना ने शहला के आरोपों को खारिज करते हुए इसे तथ्यहीन बताया और अब उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक शिकायत दर्ज करवाई गई है।
वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने सर्वोच्च न्यायाल को दी गई गई अपनी शिकायत में झूठ फैलाने और गुमराह करने का आरोप लगाते हुए शहला की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
शहला ने कश्मीर में हालात बेहद खराब होने का दावा करते हुए रविवार को कई ट्वीट किए थे।
शहला राशिद खुद भी कश्मीरी हैं और मूल रूप से श्रीनगर की रहनेवाली हैं। आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही वह ट्विटर पर सरकार के खिलाफ लगातार सक्रिय हैं।
रविवार को शहला ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर फर्जी दावा किया कि कश्मीर में हालात चिंताजनक है। सेना और पुलिस के लोग आम नागरिकों के घर घुस रहे हैं और उन्हें सताया जा रहा है।
उन्होंने शोपियां में सुरक्षाबलों द्वारा कुछ लोगों को जबरन हिरासत में लेने और उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।
अब सुप्रीम कोर्ट में वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने याचिका दाखिल कर शहला की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि शहला कश्मीर के हालात को लेकर झूठ फैला रही हैं। वह नफरत फैलाने की साजिश में शामिल हैं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी जरूरी है।
सुरक्षाबलों पर लगाए आरोप के साथ ही कश्मीर की स्थिति को लेकर किए उनके ट्वीट पर सेना की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है।
सेना ने शहला के सारे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये बेबुनियाद और तथ्यहीन दावे हैं, जिनमें कोई सचाई नहीं है।
सैन्य बलों और प्रशासन का कहना है कि कश्मीर में स्थिति शांतिपूर्ण हैं और हालात नियंत्रण में है। श्रीनगर में आज से स्कूल भी खुल गए हैं और सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज हो रहा है।
शहला लगातार केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी पर भी हमलावर रही हैं। उन्होंने आज भी बीजेपी के खिलाफ कई ट्वीट किए।
एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि बीजेपी के अनुसार उमर अब्दुल्ला, शहला राशिद, कपिल काक, रामचंद्र गुहा, कविता कृष्णन जैसे लोग पाकिस्तान प्रायोजित हैं।