दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोकशी के आरोप में उग्र भीड़ ने अखलाक नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में 19 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। अब इस मामले में नया मोड़ आ गया गया है। दरअसल बीफ के नाम पर जिन लोगों पर अखलाक का कत्ल करने का अारोप है वह खुद अपनी जान देना चाहते हैं। आरोपी पक्ष के कुछ लोगों ने जान मोहम्मद की गिरफ्तारी न होने पर अपने लिए इच्छा मृत्यु मांगी है।
वह आज (25 मई) एसएसपी से मिलेंगे। वह एसएसपी से मिलकर गोहत्या के मामले में जान की गिरफ्तारी या फिर इच्छा मृत्यु दिलाने की मांग करेंगे। आपको बता दें कि बीफ को लेकर अखलाक हत्याकांड में दो आरोपी अरुण आैर पुनीत को हाल ही में जमानत मिली थी। इनकी जमानत के बाद आरोपी परिवारों का मानना है कि अब उनके आैर भी बच्चों को जल्द ही जमानत मिलनी तय है। वह निर्दोष साबित होंगे। यह 28 सितंबर 2015 को हुई थी।
अखलाक हत्याकांड के 11 आरोपी लुक्सर जेल में बंद हैं, इन्हें अलग बैरक में रखा हुआ है। हाल ही में अखलाक हत्याकांड के आरोपियों की जेल में पिटाई का मामला सामने आया था। आरोप है कि बैरक से निकलने को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद जेल प्रशासन ने बैरक से निकालकर दो भाई हरिओम व शिवओम को पीट दिया था। इतना ही नहीं बीच बचाव करने आए छह आरोपियों को भी मामूली चोटें आई थीं। दरअसल बैरक से निकलने को लेकर शिवओम व हरिओम का बैरक में तैनात सिपाही से विवाद हो गया था।
इसके बाद सिपाही ने हरिओम को थप्पड़ मार दिया। इसके विरोध में जेल में बंद युवकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। मामले की सूचना जेल अधीक्षक को दी गई। जेल अधीक्षक ने पुलिसकर्मियों के साथ शिवओम व हरिओम को लाठी-डंडों से पीट दिया था।
आपको बता दें कि अखलाक की हत्या की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी। पुलिस ने अखलाक के घर फ्रिज में रखे मांस को जब्त किया था और यह जांच कराने के लिए लैब में भेज दिया था कि क्या सच में वह बीफ था या नहीं। पुलिस के अधिकारी ने कुछ समय बाद बयान भी दिया था कि वह बीफ नहीं बल्कि बकरे का मांस था।
@एजेंसी