बालाघाट: जिले के वारासिवनी तहसील के डोंगरमाली एवं गोंदिया जिले के काटी के मध्य बहने वाली बाघ नदी पर ग्राम डांगोर्ली महाराष्ट्र के समीप बैराज के निर्माण की मंजूरी के लिये पत्र व्यवहार प्रशासनिक स्तर पर तीव्र हो गये है। ताकि निश्चित समयावधि पर यह कार्य पूर्ण होकर जनहित को लाभ पहुंचाये।
इस संबंध में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जब 09 फरवरी को गोंदिया प्रवास पर आये थे तब उन्हें ज्ञापन सौंपा गया था। इसके बाद 19 अगस्त को पुनः गोंदिया के विधायक गोपाल अग्रवाल, मध्यप्रदेश विधानसभा की उपाध्यक्ष एवं लांजी की विधायक सुश्री हीना कावरे एवं प्रदेश शासन के खनिज मंत्री प्रदीप जैसवाल के साथ प्रदेश शासन के विभागीय सचिव श्रीवास्तव, सिंचाई विभाग के सचिव गोपाल रेड्डी, महाराष्ट्र के जल संपदा विभाग के मुख्य अभियंता स्वामी, कार्यकारी अभियंता पराते सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इसकी एक बैठक वल्लभ भवन में आयोजित की गई जिसमें आने वाले व्यय को अंतिम रूप दिया गया। इसमें बांध के साथ पुल निर्माण भी किया जायेगा जिससे गोंदिया एवं वारासिवनी विधानासभा क्षेत्र को कृषि के लिये सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो पायेगी वहीं दोनों जिलों के मध्य आवागमन की वर्तमान दूरी में भी कमी आयेगी।
स्मरणीय है कि विधायक गोपाल अग्रवाल द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश कमलनाथ को गत दिवस पत्र लिखकर 18 वर्षो से लंबित इंटरस्टेट सिंचाई मंडल की बैठक करवाये जाने की मांग की है। यह बैठक अंतिम बार 25 अगस्त,2000 को आयोजित की गई थी।
जबकि विधायक गोंदिया गोपालदास अग्रवाल ने 11 फरवरी को मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री को पत्र क्रमांक 7133/2019 दिनांक 11 फरवरी,2019 को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि 9 फरवरी को आपके गोंदिया आगमन के समय वर्षो से लंबित डांगोर्ली बैरेज निर्माण के संबंध में ध्यान केन्द्रित करवाया गया था। 19 अगस्त को मुख्यमंत्री के साथ बैठक में विधायक गोपाल अग्रवाल ने अतीत में किये गये पत्र व्यवहार की ओर ध्यान केन्द्रित कराते हुए इससे वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र और गोंदिया के किसानों को होने वाले लाभ की तरफ भी उनका ध्यान केन्द्रित कराया। वहीं उन्होंने कहा कि जल संसाधन मंत्री जल सम्पदा सचिव एवं महाराष्ट्र शासन के जल सम्पदा की बैठक आयोजित कर इस लंबित परियोजना को पूर्ण करने सकारात्मक पहल करें।
उल्लेखित है कि बाघ नदी पर निर्माण किये जाने वाले इस परियोजना से वारासिवनी एवं गोंदिया को जोड़ने में मील का पत्थर का काम करेगी। इससे बालाघाट और गोंदिया के बीच आवगमन 45 से 50 किलोमीटर का फासला 30 किलोमीटर में तय हो जायेगा। इसकी लागत 250 करोड रूपये है। जिसका 50-50 प्रतिशत आने वाला व्यय महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश सरकार को वहन करना है। वहीं वारासिवनी एवं गोंदिया क्षेत्र में 25-25 हेक्टेयर सिंचाई का रकबा बढ़ जायेगा साथ ही क्षेत्र के जल स्तर में वृद्धि होगी। पुल निर्माण से आवागमन में भी सुविधायें जनता को उपलब्ध होगी। इस संबंध में वारासिवनी के विधायक एवं वर्तमान खनिज मंत्री प्रदीप जैसवाल द्वारा भी समय समय पर तत्कालिन भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान का ध्यान केन्द्रित कराया जाता रहा है।
इस बैराज के पूर्ण होने से दोनों की जिलों के किसान 4-4 फसल लेने में समर्थ होगें। विधायक गोपाल अग्रवाल ने कहा कि यह जनहित को लाभ पहुंचाने के दृष्टिकोण से यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है। महाराष्ट्र सरकार का इस परियोजना को लेकर दृष्टिकोण बेहद सकारात्मक एवं रचनात्मक है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस संबंध में सम्पूर्ण जानकारी उनके गोंदिया आगमन पर दी गई तो उन्होंने भी तत्काल संबंधित विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर लंबित कार्य को क्रियान्वयन का रूप प्रदान करने हरी झंडी दी है। विश्वास है कि मध्यप्रदेश सरकार बैराज निर्माण में आने वाले 50 प्रतिशत व्यय को स्वीकृति प्रदान कर सार्थक पहल जनहित में करने का सराहनीय कदम उठायेगा।
@रहीम खान