दमोह- भले ही देश के प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी स्वयं को प्रधान सेवक बतलाते हुये राष्ट्रोत्थान के लिये दिन रात मेहनत कर रहे हों भले ही रेल मंत्री उनके कंधों से कंधे मिलाकर कार्य करते हुये जनता को पूरा सम्मान एवं यात्रियों को सुविधाओं को दिलाने में लगातार प्रयासरत हों।
भले ही सादगी के साथ जीवन का निर्वाह करते हुये वह शासकीय पैसों का द्रुपयोग न करने का संदेश देते हुये दैनिक जीवन में एैसा ही करते हों? परन्तु रेल मंत्री के ही विभाग के अधिकारी के स्वागत सत्कार में पैसा पानी की तरह बहाया गया जहां इनके स्वागत में हजारों गुब्बारों को लगाया गया तो वहीं लाखों को फूलों को कदमों में बिछाया गया जिसको विभाग के अधिकारियों ने वाकायदा अपने जूतों से जमकर रौंदा। इनके स्वागत में लाखों को फूल के साथ गुब्बारे और यहां तक की लाईनों पर बिछी गिट्टी भी रंगीन हुई ।
जी हां एैसा ही हुआ मध्यप्रदेश के दमोह रेल्वे प्लेटफार्म पर जहां महाप्रबंधक पश्चिम मध्य रेल सुरेश चंद्रा एवं डीआरएम सुधीर कुमार के स्वागत में जमकर पलक पांवडे बिछाते हुये एक घंटे से भी कम समय के लिये लाखों रूपयों को पानी की तरह बहा दिया गया। जिसकी परिसर में सर्वत्र आलोचना को सुना गया। चारों ओर से सुरक्षा घेरा बनाये हुये सुरक्षा कर्मियों ने जनता लगातार दूरी बनाये रखने लगे रहे। कुछ कदमों की दूरी यानि मात्र एक फर्लांग के लिये भी वाहनों का उपयोग किया गया जो कि चर्चा का विषय बना रहा।
जहां हुये उद्घाटन के दौरान भारतीय परंपराओं के अनुरूप भगवान को अर्पित किया जाने वाला श्रीफल भी इन्होने छूना भी उचित नहीं समझा तथा पंडित को ही यह कार्य करना पडा। इसी क्रम में एक ओर महत्वपूर्ण बात देखी गयी जब वृक्षारोपण के दौरान मिट्टी को भी हाथ लगाना उचित नहीं समझा जीएम श्री चंद्रा ने जहां इन्होने कन्नी का उपयोग किया जिसके बाद भी पानी से हाथ धोये।
मिले न समस्यायें सुनी-
उक्त अल्प प्रवास में जहां लाखों रूपयों को पानी की तरह बहाया गया तो वहीं प्रेस तथा नेताओं से भी दूरी बना के रखी गयी। महाप्रबंधक श्री चंद्रा ने प्रेस से न तो मिलना उचित समझा न ही उनके किसी प्रश्रों के जबाब देना। जब पत्रकारों ने मिलकर कुछ प्रश्न करना चाहे तो विभाग के चर्चित जन संपर्क अधिकारी केके दुबे ने कहा कि यहां कोई जरूरत नहीं है समय खत्म हो गया है इनके इशारे पर सुरक्षा कर्मियों ने जबरन हटाने का प्रयास किया। वहीं भाजपा के जिला अध्यक्ष देवनारायण श्रीवास्तव से डीआएम ने स्वयं बाहर आकर कहा कि समय समाप्त हो चुका है अब किसी नहीं मिल सकते हैं।
सांसद-रेल मंत्री से शिकायत-
महाप्रबंधक के दौरे के समय सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी जिसकी सरकार केन्द्र एवं प्रदेश दोनो में है के जिला अध्यक्ष देव नारायण श्रीवास्तव एवं महामंत्री रमन खत्री से भी मिलने इंकार कर दिया गया। अधिकारियों से इस संबध में चर्चा करने के बाद भी जब इनको नहीं मिलने दिया गया तो इसकी शिकायत क्षेत्रीय सांसद प्रहलाद पटैल से तत्काल मोबाईल पर की गयी। श्री श्रीवास्तव एवं श्री खत्री ने इस बात की घोर निंदा करते हुये रेल मंत्री को शिकायत करने की बात कही है।
चरण स्पर्श एवं शिकायत पडी मंहगी-
महाप्रबंधक सुरेश चंद्रा के दौरे के समय जब एक महिला ने अपना एक शिकायती पत्र देने का प्रयास किया तो उसको धक्का देकर हटाने का प्रयास किया गया तो वहीं एक पुरूष महाप्रबंधक के स्वागत सत्कार को देखकर चरण स्पर्श करने आगे बढा तो उसको भी सुरक्षा कर्मियों के कोप भाजन का शिकार होना पडा।
खुल न जाये कहीं पोल रे-
रेल सुरक्षाकर्मियों ने रेल अधिकारियों के पूर्व नियोजित कार्यक्रम की तरह जीएम श्री चंद्रा को वहां ही ले गये जहां वह चाहते थे। दौरे के दौरान यह स्पष्ट्र नजर आ रहा था कि वह अपनी मर्जी की जगह इनके इशारों पर चल रहे हों या हो सकता है सहमति हो? सूत्र बतलाते हैं कि परिसर के प्रवेश द्वार पर ही बने एक रेल्वे के ही नाले की गंदगी एवं अतिक्रमण पर नजर पड सकती थी? वहीं कुछ ओर जगह एैसी हो सकती थी जहां मामला गडबडा सकता था?
किया उद्घाटन-लोकापर्ण-
महाप्रबंधक पश्चिम मध्य रेल श्री चंद्रा ने नव निर्मित सहायक मंडल अभियंता कार्यालय का उद्घाटन किया तो वहीं एटीवीएम आटोमेटिक टिकिट मशीन का लोकापर्ण भी किया । ज्ञात हो कि आधुनिक होते रेल्वे द्वारा मशीनों से टिकिट बेचने का कार्य प्रारंभ किया है।
इसलिये टल रहा था दौरा-
महाप्रबंधक पश्चिम मध्य रेल के दौरे को लेकर लम्बे समय से कार्य चल रहा था। पूर्व में कई बार प्रोग्राम बदले सूत्र बतलाते हैं कि जिस प्रकार स्वागत होना था तैयारी नहीं होने पर दौरे निरस्त कर दिये जाते रहे हैं? सूत्र तो यहां तक बतलाते हैं कि अधिकारियों को स्वागत के स्तर की जानकारी लगातार भेजी जाती रही है जिससे संतुष्ट होने के बाद दौरा तय किया गया।
रिपोर्ट:- डा.एल.एन.वैष्णव