कोलकाता : गोरखालैंड की मांग पर पहाड़ में चल रहे आंदोलन के कुछ दिन शांत रहने के बाद शनिवार को फिर हिंसा भड़क गई। दार्जिलिंग के सोनादा इलाके में गोरखालैंड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) के कार्यकर्ता तांशी भूटिया का शव मिलने के बाद आंदोलनकारी हिंसक हो उठे। उन्होंने कई जगहों पर जमकर उत्पात मचाया।
पुलिस फायरिंग में तांशी की मौत का आरोप लगाते हुए उग्र कार्यकर्ताओं ने सोनादा थाना, पुलिस तथा ट्रैफिक पोस्ट व ट्वॉय ट्रेन के स्टेशन पर तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी। उन्होंने जगह-जगह पुलिस वाहन में तोड़फोड़ भी की। उग्र प्रदर्शन को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा तथा आंसू गैस के गोले दागने पड़े। सुबह से शाम तक पुलिस व आंदोलनकारियों के बीच झड़पें होती रहीं। शुक्रवार रात से शनिवार शाम तक हुई हिंसक घटनाओं में चार लोगों की मौत व आठ लोगों के घायल होने की सूचना है।
हिंसा के फिर उग्र होने पर दोबारा सेना की तैनाती की गई है। दार्जिलिंग व सोनादा में 100 जवानों की तैनाती की गई है। इसके अलावा पहले से तैनात पुलिस व अर्द्धसैनिक बल स्थिति को नियंत्रित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। शनिवार को सुरक्षाबलों ने शांति कायम करने के लिए फ्लैग मार्च भी किया।
घटना के बारे में बताया गया है कि मृतक तांशी भूटिया शुक्रवार देर रात अपने बीमार भाई के लिए दवा लेने जा रहा था। इसी क्रम में सीआरपीएफ की गोली से उसकी मौत हो गई। जीएनएलएफ ने तांशी को अपना कार्यकर्ता बताते हुए पुलिस फायरिंग में उसकी मौत की प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। पुलिस द्वारा इससे इन्कार के बाद कार्यकर्ता उग्र हो गए। हालांकि बाद में परिजनों, गोजमुमो (गोरखा जनमुक्ति मोर्चा) व अन्य पर्वतीय दलों की शिकायत पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली, जिसमें हत्या का आरोप लगाया गया है।
गोजमुमो की ओर से शनिवार को दावा किया गया कि हिंसा में और तीन लोगों की मौत हो गई। गोजमुमो के युवा मोर्चा के अध्यक्ष प्रकाश तमांग ने दावा किया है कि पुलिस व सीआरपीएफ की फायरिंग में चारों लोगों की मौत हुई है।
इस बीच दार्जिलिंग में चल रहा बेमियादी बंद शनिवार को 24वें दिन में प्रवेश कर गया। कुछ जरूरी सेवाओं को छोड़कर पहाड़ पर बाजार, स्कूल व कॉलेज सब बंद हैं। उधर आईजी जावेद शमीम का कहना है कि हमारे पास पुलिस फायरिंग की कोई रिपोर्ट नहीं है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।