उत्तरप्रदेश के महोबा कोतवाली इलाके से एक शर्मनाक घटना सामने आयी है। जहां दो माह पूर्व नौकरी का झांसा देकर किशोरी से गैंगरेप की वारदात के मामले में तत्कालीन दरोगा पर पीड़िता के कपड़े उतारकर दुष्कर्म करने का आरोप लगा है।
फिलहाल डीआईजी झांसी द्वारा पीड़िता को पुलिस अभिरक्षा में भेजकर मेडिकल करवाया गया है और इस पूरे मामले में कार्रवाई के लिए एसपी को निर्देश दिया गया है।
मामला उत्तरप्रदेश की महोबा कोतवाली क्षेत्र का है। कानपुर निवासी 16 वर्षीय पीड़िता के अनुसार, संतोषी और सविता नाम की दो महिलाओं ने नौकरी का झांसा देकर उसे महोबा बुलाया था।
लेकिन यहां इन महिलाओं ने उसे तीन युवकों आकाश, सुरेंद्र और रक्खू के हवाले कर दिया। जहां इन लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया।
इस मामले की लिखित शिकायत महोबा कोतवाली पुलिस में दर्ज कराई थी। लेकिन पीड़िता का आरोप है कि न्याय दिलाने की जगह उसके साथ महोबा कोतवाली में तैनात दरोगा केपी सिंह ने भी दुष्कर्म किया।
पीड़िता किशोरी का आरोप है कि इस मामले की विवेचना कर रहे कोतवाली के दरोगा ने आरोपितों से मिलकर उसकी मां व भाई को उठवा लिया, साथ ही धमकाकर उसके द्वारा दिए 164 के बयान को भी बदलवा दिया।
यही नहीं दरोगा ने उसे कमरे में ले जाकर निर्वस्त्र भी किया। इसके अलावा पीड़िता ने बताया कि आरोपितों ने उसे छतरपुर ले जाकर सिगरेट से शरीर को जलाया। फिलहाल किशोरी का बयान दर्ज कर उसे बाल कल्याण समिति बांदा भेजा गया है।
मामले में महिला थाना की एसएचओ रचना राजपूत ने कहा है कि किशोरी यहां आई थी। उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया और झांसी में उसने अपने बयान दर्ज कराए है और वहीं पर शिकायत भी की है।
मामले में महोबा की अध्यक्ष बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष नीलम ने बयान दिया है कि पीडि़ता के बयान दर्ज कर लिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि आरोपितों ने उसे सिगरेट से जलाया था। किशोरी अपनी मां के पास जाने की बात कह रही थी। उन्होंने कहा कि किशोरी बांदा की निवासी है इसलिए बयान दर्ज कर बांदा बाल कल्याण समिति भेजा गया है।