सहारनपुर- इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद ने भारत माता की जय को लेकर फतवा जारी करते हुए कहा है कि मुसलमानों को खुद को इस नारे से अलग कर लेना चाहिए, कई मुफ़्तियों की खंडपीठ ने ये फ़तवा दिया है। फतवे के मुताबिक भारत माता की जय और वंदे मातरम यह दोनों मसले एक ही जैसे हैं ! इंसान ही इंसान को जन्म दे सकता है, तो धरती मां कैसे हो सकती है।
किसीके दबाव में भारत माता की जय बोलने से इंकार करने वाले AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को लेकर सड़क से संसद तक सियासी बवाल मचने के बाद दारुल उलूम के इस फतवे ने राजनैतिक भूचाल मचा दिया है ! दारुल उलूम देवबंद की ओर से जारी फतवे में कहा कि भारत माता की जय बोलना मुसलमानों के लिए जायज नहीं है !
ज्ञात हो कि पिछले दिनों भारत माता की जय बोलने को लेकर ओवैसी के बाद दारुल उलूम के मुफ्तियों से सवाल पूछे जा रहे थे ! इन्हीं सवालों को लेकर दो दिन पूर्व दारुल इफ्ता में हुई आठ सदस्यीय मुफ्तियों की खंडपीठ की बैठक में इस सवाल पर मंथन किया गया ! जिसके बाद हवाला नंबर 545 (बी) में मुफ्तियों ने जवाब दिया कि कई साल पहले वंदे मातरम का मसला उठा था ! इसे स्कूलों में हिंदू-मुस्लिम सबके लिए पढ़ना जरूरी किया गया था ! अब भारत माता की जय का नारा हर मुसलमान के लिए जरूरी किया जा रहा है ! यह दोनों मसले एक ही जैसे हैं !
दारुल उलूम के मुफ्तियों ने कहा, ‘वंदे मातरम के बारे में यहां से लिखा गया था कि हिंदुस्तान हमारा वतन है ! हम और हमारे पूर्वज यहीं पैदा हुए हैं ! यह हमारा मादरे वतन (मातृभूमि) है, हम इससे मोहब्बत करते हैं लेकिन हम इस वतन को अपना माबूद (भगवान) नहीं समझते !’
उन्होंने आगे कहा, मुसलमान क्योंकि खुदा के एक होने का यकीन रखते हैं इसलिए वो खुदा के अलावा किसी और की पूजा नहीं कर सकते ! इसलिए मुसलमानों को इस गीत से अलग रखा जाए ! अब भारत माता की जय का नारा लगाने पर मजबूर किया जा रहा है ! दरअसल भारत माता एक तबके के यकीन के मुताबिक एक देवी है, जिसकी वो पूजा करते हैं ! भारत माता देवी को यह लोग हिंदुस्तान की मालिक व मुख्तार समझते हैं !
इस्लामिक शैक्षिक संस्था ने कहा कि इस्लाम के मानने वाले मुसलमान कभी ऐसे नारे से समझौता नहीं कर सकते ! भारतीय संविधान के मुताबिक हिंदुस्तान के हर शख्स को मजहबी आजादी दी गई है ! किसी फिरकापरस्त को यह हक हासिल नहीं कि वो कानून के खिलाफ कोई काम करे और दूसरों को गैर कानूनी काम करने पर मजबूर करे ! भारत माता की जय कहने वालों के नजदीक इसके मायने में वतन की पूजा शामिल है ! इसलिए किसी मुसलमान के लिए ऐसा नारा लगाना जायज नहीं !