बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से अब तक 129 बच्चों की मौत हो गई है। आज मुजफ्फरपुर पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ गुस्साए लोगों ने मुर्दाबाद और वापस जाओ के नारे लगाए।
बताया जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार नौ दिनों बाद मुजफ्फरपुर के अस्पताल पहुंचे हैं। जबकि पटना से मुजफ्फरपुर सिर्फ 80 किलोमीटर दूर है। लोग इसी बात से नाराज हैं कि नीतीश कुमार ने यहां आकर स्वास्थ्य व्यवस्था का एक बार भी जायजा नहीं लिया।
बता दें कि इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार को नोटिस भेजा है।
चमकी बुखार के बीच डॉक्टरों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘मानवाधिकार आयोग ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में पिछले कुछ दिनों से एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मरने वाले बच्चों की बढ़ती संख्या का स्वत: संज्ञान लिया है।’’
मानवाधिकार आयोग ने बयान जारी कर बताया कि आयेाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के सचिव और बिहार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए जापानी इन्सेफ्लाइटिस वायरस, एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम को लागू करने की स्थिति पर भी रिपोर्ट मांगी गई है।
बयान में कहा गया, ‘‘आयोग अस्पताल में भर्ती बच्चों को दी जाने वाली चिकित्सा और पीड़ित परिवारों को राज्य सरकार की तरफ से दी जाने वाली राहत और पुनर्वास की स्थिति के बारे में भी जानना चाहता है।’’ आयोग ने चार हफ्ते के अंदर जवाब देने के लिए कहा है।
बता दें कि मुजफ्फरपुर जिले में सोमवार को छह बच्चों की मौत हो गई जिससे एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम के संदिग्ध मामले से मरने वाले बच्चों की संख्या 104 हो गई है।
जिला प्रशासन की तरफ से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक जिले के केजरीवाल अस्पताल में 18 बच्चों की मौत हुई है जबकि श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है।